पंजाब में लिंगानुपात को संतुलित करना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता

Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य में लिंगानुपात को संतुलित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और लड़कियों के जन्म को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष प्रयास कर रही है। महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के प्रति पंजाब के समर्पित प्रयासों की सराहना भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत पंजाब सरकार द्वारा किए गए कार्यों को लेकर की है।

प्रदेश में बढ़ा लड़कियों का अनुपात

इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि लड़कियों के जन्म के समय राष्ट्रीय लिंगानुपात वर्ष 2014-15 में 918 था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 930 हो गया है। उन्होंने कहा कि लड़कियों के जन्म का अनुपात 75.51% से बढ़कर 78% हो गया है, जो राज्य सरकार के प्रयासों का परिणाम है। इसके अलावा संस्थागत प्रसव दर 61% से बढ़कर 97.3% हो गई है।

केंद्रीय मंत्री ने की फरीदकोट जिले की सराहना

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि केंद्रीय मंत्री द्वारा फरीदकोट जिले की अनूठी पहल धी अनमोल दात की सराहना की गई है, जिसके अंतर्गत लड़कियों के जन्म पर पारंपरिक सरींह रस्म आयोजित की जाती है, जो आमतौर पर केवल लड़कों के जन्म पर होती है। इस पहल के तहत नवजात बच्चियों के परिवार अपने मुख्य द्वारों पर नीम या सरींह के पत्ते बांधते हैं और बच्चियों के पैरों की छाप को संजोकर उनकी जन्म स्मृति के रूप में रखते हैं।

उन्होंने बताया कि नवजात बच्चियों के जन्म दिवस को मिठाई बांटकर, गिद्दा डालकर और गीत गाकर गांवों में उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान नवजात बच्चियों को बेबी कंबल और ग्रूमिंग किट दी जाती हैं, साथ ही उनके माता-पिता को बच्चियों के पैरों के निशान उपहार स्वरूप दिए जाते हैं।

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