कैथल : पंजाबी वेलफेयर सभा ने किया पौधारोपण

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मनोज वर्मा, कैथल :
पंजाबी वेलफेयर सभा कैथल द्वारा आज सुबह दर्शन एकेडमी स्कूल जगदीशपुरा में पौधारोपण किया गया। इस पौधरोपण कार्यक्रम में सभा के सभी मौजूद सदस्यों ने एक पौधा अपने हाथों से लगाया। इस अवसर पर सभा के प्रधान राजकुमार मुखीजा ने कहा कि, हम सब बड़े ही सौभाग्य शाली हैं । कि हम सावन कृपाल रूहानी मिशन के दयाल पुरुष संत दर्शन सिंह महाराज के 100वें प्रकाश दिवस के इस पावन अवसर पर पौधारोपण कर उन्हें याद कर रहे हैं। प्रधान राजकुमार मुखीजा ने कहा कि, हम सब बहुत ही खुशकिस्मत हैं। कि, हम सबकी जिंदगी में संत दर्शन सिह महाराज आए। वो प्रेम के महासागर थे। वो चाहते थे की, हम प्रभु से प्रेम करें और पिता-परमेश्वर को जानें। उन्होंने आगे कहा कि पौधारोपण बहुत ज़रूरी है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तो हम भी सुरक्षित रहेंगे। इस अवसर पर महासचिव सुषम कपूर ने कहा की, जब से दुनिया शुरू हुई है, तभी से इंसान और क़ुदरत के बीच गहरा रिश्ता रहा है। पेड़ों से पेट भरने के लिए फल-सब्जिय़ां और अनाज मिला। तन ढकने  के लिए कपड़ा मिला। घर के लिए लकड़ी मिली। इनसे जीवनदायिनी ऑक्सीजऩ भी मिलती है, जिसके बिना कोई एक पल भी जि़न्दा नहीं रह सकता। इनसे औषधियां मिलती हैं। पेड़ इंसान की ज़रूरत हैं, उसके जीवन का आधार हैं। भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजा जाता है। यह हैरत और अफ़सोस की ही बात है कि, जिस देश में, समाज में पेड़-पौधों को पूजने की प्रथा रही है, अब उसी देश में, उसी समाज में पेड़ कम हो रहे हैं। बदलते दौर के साथ लोगों का प्रकृति से रिश्ता टूटने लगा। बढ़ती आबादी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए वृक्षों को काटा जा रहा है। इससे पर्यावरण के सामने संकट खड़ा हो गया है। घटते वन क्षेत्र को पूरा करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा वृक्ष लगाने होंगे। साथ ही ख़ुशनुमा बात यह भी है कि, अब जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आ रही है। लोग अब पेड़-पौधों की अहमियत को समझने लगे हैं। महिलाएं भी इस पुनीत कार्य में बढ़ चढक़र शिरकत कर रही हैं। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों को पौधे बांटे गए एवंम शांति के संदेश के साथ 100 गुब्बारे भी खुले आसमान में उड़ाए गए। इस अवसर पर  प्रधान राज कुमार मुखीजा, मुख्य सरंक्षक इन्द्रजीत सरदाना, सुषम कपूर, नरेन्द्र निझावन, राकेश मल्होत्रा,धन सचदेवा,राजेन्द्र कुकरेजा,ज्ञान प्रकाश कुमार,श्याम लाल खेड़ा,गुलशन चुघ,जगदीश कटारिया,तुलसी मदान, राजीव कालड़ा,ललित छबड़ा,मदन लाल कटारिया,रमेश पाहवा,महेन्द्र सीकरी,वी.के.चावला, टी.सी.बरेजा, रूप लाल गंभीर,अशोक भारती, राम मदान, अमृत सचदेवा, सौरभ आदि मौजूद रहे।