समझौते के खत्म होने से पंजाब को रावी के माध्यम से 10 हजार क्यूसेक अतिरिक्त पानी मिलेगा
Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा की गई 27 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक स्ट्राइक की है। इसमें सबसे बड़ा प्रहार पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को निरस्त करना है। जानकारों का मानना है कि सिंधु जल समझौते के पूरी तरह निरस्त करने का सीधा फायदा उत्तर भारत को होगा। विशेषकर इस समझौते के खत्म होने से पंजाब को रावी के माध्यम से 10 हजार क्यूसेक अतिरिक्त पानी मिलेगा।
उत्तर भारत के लिए संजीवनी साबित हो सकता है
यह उत्तर भारत के लिए नई संजीवनी साबित हो सकता है खासकर तब जब पंजाब जैसे राज्य भूजल संकट से जूझ रहे हैं। इससे भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय से ही पाकिस्तान में जा रहे ज्यादा पानी का मुद्दा उठता आया है। जम्मू-कश्मीर में बहने वाली चिनाब नदी से एक बड़ी नहर निकालकर उसका पानी पंजाब को देने की बात हुई थी। पंजाब के तत्कालीन नहरी विभाग के चीफ इंजीनियर ने 1955 में इस योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की थी, जिससे पंजाब को 10 हजार क्यूसेक पानी मिलने का रास्ता बनाया गया था।
राजस्थान का सूखा भी कम हो जाएगा
पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे को लेकर सतलुज यमुना लिंक नहर परियोजना के तहत 214 किमी लंबा जलमार्ग तैयार करने का प्रस्ताव था। इसके तहत पंजाब से सतलुज को हरियाणा से यमुना नदी से जोड़ा जाना था। ऐसे में सिंधु जल समझौते से अकेले पंजाब में ही चल रही पानी की कमी को ही नहीं, बल्कि हरियाणा और दिल्ली में भी समस्या दूर हो सकती है। सिंधु जल समझौते के रद्द होने से राजस्थान का सूखा भी कम हो जाएगा। पंजाब और हरियाणा के जल विवाद को खत्म करने के लिए रावी-ब्यास का दूसरा लिंक बनाया जाना था। ऐसे में सिंधु जल समझौता रद्द हो जाता है तो इस दूसरे लिंक के बनने से दोनों राज्यों को अतिरिक्त पानी मिल सकता है।
जल संकट से जूझ रहे पंजाब को ज्यादा फायदा
पूर्व आईएएस और जल विवादों के विशेषज्ञ के तौर पहचान रखने वाले काहन सिंह पन्नू ने कहा कि इस समझौते के रद्द होने का सीधा लाभ पंजाब को पहुंचेगा। पंजाब और हरियाणा के बीच 1966 से जल विवाद चला आ रहा है। तब पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत पूर्ववर्ती पंजाब को पंजाब और हरियाणा में विभाजित किया गया। दोनों राज्यों के बीच नदी के पानी को साझा करने की आवश्यकता पैदा हुई।