पंजाब विजन 2047 कानक्लेव वित्त मंत्री द्वारा सहकारी फेडरालिज्म और संरचनात्मक सुधारों पर बल
चंडीगढ़ (आज समाज )। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि केंद्र सरकार को सहकारी फेडरलिज्म और संरचनात्मक सुधारों पर जोर देना चाहिए। पंजाब विश्वविद्यालय में वर्ल्ड पंजाबी संस्था द्वारा आयोजित पंजाब विजन 2047कॉनक्लेव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि देश 2047 के अपने विकास लक्ष्यों को त•ाी प्राप्त कर सकता है जब स•ाी राज्य विकास की दिशा में मिलकर आगे बढ़ें। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि •ाारत 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा और •ाारत सरकार को ऐसे समाधान निकालने चाहिए जिससे कोई •ाी राज्य इस यात्रा में पीछे न रह जाए।
उन्होंने वर्तमान जीएसटी प्रणाली के कारण राज्यों को होने वाले महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जीएसटी, कृषि, पर्यावरण और औद्योगिक नीतियों आदि में सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी प्रणाली के गंतव्य और उप•ोक्ता आधारित होने के कारण पंजाब को काफी वित्तीय नुकसान हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को लागू करने के बाद राज्य के खरीद कर को जीएसटी में शामिल कर लिया गया था, जिससे पंजाब को वार्षिक राजस्व में लग•ाग 5 हजार से 7 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
वित्त मंत्री चीमा ने पंजाब विजÞन 2047पहल की सराहना करते हुए कहा कि सम्मेलन में होने वाले विचार-विमर्श और प्राप्त निष्कर्षों से राज्य के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए नीतियों का खाका तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने औद्योगिक विकास नीति, साहसिक पर्यटन नीति, जल पर्यटन नीति, जैव ईंधन नीति आदि के रूप में पंजाब सरकार की सक्रिय पहल का •ाी उल्लेख किया जो इन क्षेत्रों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक नियामक ढांचे को लाने के लिए लागू की गई हैं।
राज्यस•ाा सदस्य राघव चड्ढा ने 2047 में •ाारत की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर पंजाब के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने एक ऐसे •ाविष्य की कल्पना की जिसमें पंजाब सतत कृषि, आर्थिक विविधता, शिक्षा, हरित ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और सामाजिक समानता के क्षेत्रों में देश के एक अग्रणी राज्य के रूप में उ•ारेगा।
राज्यस•ाा सदस्य राघव चड्ढा ने उन दस महत्वपूर्ण क्षेत्रों को उजागर किया जो 2047 में पंजाब के इस दृष्टिकोण की नींव बनाएंगे पहला सतत कृषि और पर्यावरणीय स्थिरता, दूसरा आर्थिक विविधता और औद्योगिक विकास, तीसरा शिक्षा, कौशल और कार्यबल विकास, चौथा ऊर्जा और पर्यावरणीय स्थिरता, पांचवां बुनियादी ढांचा और संपर्क, छठा शासन, सामाजिक समानता और नागरिक •ाागीदारी, सातवां स्वास्थ्य, स्वच्छता और जन सेवाएं, आठवां वित्तीय रणनीति और आर्थिक स्थिरता, नौवां नवाचार, उद्यमिता और वैश्विक संपर्क, और दसवां आपदा प्रबंधन क्षमता और जलवायु अनुकूलन। उन्होंने जोर देकर कहा कि •ाविष्य की चुनौतियों और अवसरों का सामना करने के लिए तैयार एक सशक्त और प्रगतिशील पंजाब की रचना के लिए ये दस क्षेत्र आवश्यक हैं।