पंजाब यूटी मुलाजिम एवं पेंशनर साझा फ्रंट ने तहसील स्तर पर की गेट रैली

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गगन बावा, गुरदासपुर:
पंजाब की कांग्रेसी सरकार की ओर से छठे पे कमीशन के माध्यम से वेतन और भत्तों में तर्कसंगत वृद्धि करने की बजाय कटौती का जाल बुनकर मुलाजिमों पर बड़ा आर्थिक संकट खड़ा कर दिया गया है। इसके अलावा कच्चे, कॉन्ट्रैक्ट, सोसाइटी मुलाजिमों को बिना शर्त विभाग में रेगुलर न करने, नई पेंशन प्रणाली के माध्यम से मुलाजिमों को कारपोरेट लूट के हवाले करने और मोदी सरकार की निजीकरण पक्षीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पंजाब में लागू करने के खिलाफ यूटी मुलाजिम एवं पेंशनर्स साजा फ्रंट गुरदासपुर की ओर से जिला डीसी कांप्लेक्स के सामने रोष प्रदर्शन किया गया। विधानसभा सेशन के दौरान चंडीगढ़ में पंजाब यूटी मुलाजिम एवं पेंशनर साझा फ्रंट के नेतृत्व में होने जा रही हल्ला बोल रैली में हजारों की संख्या में मुलाजिमों ने सामूहिक छुट्टी लेकर शामिल होने की घोषणा भी की।
मुलाजिम नेता कुलदीप पुरोवाल, दविंदर सिंह रंधावा, नरेंद्र शर्मा, अविनाश सिंह, सावन सिंह, बलविंदर कौर, जोगिंदर पाल सैनी, जगतार खुंडा, अश्वनी फजुपुर ने बताया कि प्रमुख मांगों में समूह कच्चे ठेका आधारित मान भत्ते वाले, डेली वेज और अनलिस्टमेंट मुलाजिमों की सेवाएं रेगुलर करवाना, छठे पे कमीशन की रिपोर्ट लागू करते समय साल 2011 के दौरान अनामली कमेटी की ओर से मुलाजिमों की 24 कैटेगरीज और कैबिनेट सब कमेटी के माध्यम से 239 कैटिगरीज को मिली वृद्धि को बरकरार रखते सभी पर 3.74 का एक समान गुणांक लागू करना, पुरानी पेंशन बहाल करवाना, शिक्षा विभाग की सोसाइटी पिकटस में रेगुलर कंप्यूटर फैकेल्टी के अलावा मेरिटोरियस स्कूलों को विभाग में मर्ज करते हुए पूरे स्टाफ को रेगुलर करना, सालाना वृद्धि वेतन बहाल करते जारी करना, अनरिवाइज्ड कर्मियों के साथ वेतन स्केल में हुई धक्केशाही दूर करना, सभी भत्ते ढाई गुणा करना, बकाया जारी करना, नई भर्ती को केंद्रीय स्केल से जोड़ने का फैसला रद्द करना आदि शामिल है।
इस मौके पर दिलदार भंडाल, अनिल लाहोरिया, सुभाष चंद्र, नेकराज, सुखदेव सिंह भोजराज, परमजीत सिंह, अविनाश सिंह, रतन सिंह, गुरजिंदर सिंह, अमरजीत सोहल, पुरुषोत्तम कुमार आदि मौजूद थे।