कहा, सीएम मान की नासमझी के चलते पहली बार हम कमजोर पड़े
Punjab Political News (आज समाज), चंडीगढ़ : चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिए अलग से जमीन अलॉट करने की एनजीटी की स्वीकृति के बाद पंजाब की राजनीति गर्मा गई है। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां आम आदमी पार्टी और सीएम पर लगातार तंज कस रहीं हैं। इतना ही नहीं प्रदेश में चार सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान भी अन्य मुद्दों के साथ-साथ वे अब इस मुद्दे को भी उठा रहीं हैं।
इसी के चलते पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सीएम और मौजूदा प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इसे सीधे तौर पर सीएम भगवंत मान की विफलता बताया। जाखड़ ने कहा कि पंजाब के लोगों की चंडीगढ़ से केवल जमीन ही नहीं मानवीय भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं।
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प्रदेश के सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर एकमत
जाखड़ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि जिस मुद्दे पर पंजाब की सभी पार्टियां एकमत थीं, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री की नासमझी के कारण चंडीगढ़ और पंजाब का दावा कमजोर हो गया है। उन्होंने कहा है कि जयपुर में जब उत्तरीय जोनल काउंसिल की मीटिंग में केंद्रीय गृहमंत्री के सामने हरियाणा ने विधानसभा के लिए जमीन मांगी थी तो मुख्यमंत्री मान ने इसका विरोध करने के बजाय पंजाब की विधानसभा के लिए भी जमीन मांगकर हरियाणा की मांग पर समर्थन की मोहर लगा दी थी। जाखड़ ने कहा है कि मुख्यमंत्री मान की नासमझी के कारण इस मुद्दे पर लिए पंजाब विरोधी स्टैंड की सजा लोग न भुगते। इसलिए प्रधानमंत्री इस विषय पर दखल दें और फैसले पर पुनर्विचार करें।
आम आदमी पार्टी और शिअद भी कर चुकी विरोध
हरियाणा को अलग विधानसभा के जमीन अलॉट करने का आप और शिअद भी विरोध कर चुकी है। गत दिवस आप नेता गगन अनमोल मान ने कहा था कि जब 1966 में पंजाब के हिस्से किए गए थे तब चंडीगढ़ पंजाब को देने का वादा किया गया था लेकिन आजतक ऐसा नहीं हुआ है जो कि पंजाब के साथ धोखा है। वहीं शिअद नेता दलजीत चीमा ने भी हरियाणा के पक्ष में फैसला दिए जाने को समस्त पंजाब वासियों के लिए इसे धोखा बताया गया था।
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