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पंजाब की मान सरकार अब राज्य के विभागों में फर्जी डिग्रियों के दम पर ली गई नियुक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। सीएम मान ने ट्वीट कर ऐसे संकेत दिए हैं कि जिन रसूखदार और राजनेताओं के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं और जिनकी नियुक्ति प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेज और डिग्रियां इस्तेमाल की गई हैं, के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
मान बोले- सरकार टैक्सों के प्रति जवाबदेही
सीएम मान ने कहा कि उन्हें पता लगा है कि प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदारों को फर्जी दस्तावेज के बाद सरकारी नौकरियों में नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा कि हम उन्हें पंजाब के लोगों से वसूले टैक्सों के लिए जवाबदेह बनने जा रहे हैं, जिनका दुरुपयोग किया गया है। मान सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस तरह की फर्जी नियुक्तियों का रिकॉर्ड एकत्रित करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद कई विभागों में छानबीन के बाद सीएम भगवंत मान को डाटा सौंपा गया है। पिछले दो महीने में इस तरह के कई मामले प्रकाश में आए हैं।
एक बैंक प्रबंधक पिछले सप्ताह बर्खास्त
इस संबंध में सूत्रों का कहना है कि वित्त और सहकारिता विभागों में फर्जी डिग्री लेकर नियुक्ति हुईं। पंजाब सहकारी कृषि विकास बैंक के एक प्रबंधक को इस हफ्ते के शुरू में इन आरोपों में सेवा से बर्खास्त कर दिया था। वे एक अकाली नेता के रिश्तेदार थे। गौरतलब है कि आप सरकार ने पहले पंजाब विधानसभा में की गई नियुक्तियों के खिलाफ जांच शुरू की थी, जहां पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान कई मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के सहयोगियों और रिश्तेदारों की नियुक्ति की गई थी। मान सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मुहिम छेड़ रखी है।
स्वास्थ्य मंत्री को भी किया था बर्खास्त
इस मुहिम के तहत मान सरकार ने अपने ही स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को बर्खास्त कर दिया था, जो अब जेल में हैं। इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत भी जेल में हैं और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
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