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शिरोमणि अकाली दल-बादल ने पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह के हत्या के दोषी राजोआना की बहन कमलदीप कौर को संगरूर उपचुनाव का उम्मीदवार बनाया है। उपचुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन ही ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी भी है। आरोप ये भी लग रहे हैं कि संगरूर उपचुनाव में खराब प्रदर्शन के डर से शिअद-सिख कट्टरपंथियों तक पहुंचकर पार्टी को बचाना चाहते हैं।
शिअद (अमृतसर) से नहीं बनी थी सहमति
सुखबीर बादल की शिअद बीते शुक्रवार तक जेलों में बंद सिख कैदियों के परिवार से किसी को टिकट देने पर विचार कर रही थी। वह चाहती थी कि शिअद (अमृतसर) भी उनका समर्थन करे, लेकिन पार्टी सुप्रीमो ने सुखबीर बादल से किनारा कर लिया और सिमरनजीत मान ने संगरूर से अपना नामांकन भर दिया। इसके बाद शिअद ने राजोआना की बहन कमलदीप कौर को टिकट दे दिया। शिअद (अमृतसर) के प्रवक्ता गोपाल सिद्धू ने कहा कि सिमरनजीत मान भी बंदी सिंह थे, लेकिन उन्होंने कमलदीप कौर को चुना।
शिअद का दावा, हमारे प्रयासों से बची फांसी
सिख कैदियों की रिहाई के लिए संघर्ष कर रहे जसपाल सिंह मांझपुर ने अकालियों को अवसरवादी करार दिया और कहा कि वे सत्ता से बाहर होने पर ही सिख मुद्दों को याद करते हैं। जब वे सत्ता में थे, तो वे इन कैदियों की रिहाई में कानूनी बाधाओं का हवाला देते थे।
हालांकि शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा कि पार्टी ने हमेशा सिख कैदियों के मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि जब हम सत्ता में थे, तब हमारे प्रयासों के कारण राजोआना की फांसी को रोका गया था।
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