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मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने चंडीगढ़ पर पंजाग के रुख को कमजोर किया है। शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व ने केंद्र के साथ मिलीभगत कर निजी स्वार्थों के लिए केंद्र शासित प्रदेश पर पंजाब के दावे से समझौता किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर कोई जानता है कि किसने राज्य सरकार के कार्यालयों को चंडीगढ़ से मोहाली में स्थानांतरित कर दिया। न्यू चंडीगढ़ का गठन किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से शनिवार को चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिए एक अतिरिक्त भवन की स्थापना के लिए भूमि की घोषणा के बाद मान ने एक ट्वीट में इसी तरह के आवंटन की मांग की थी, जिस पर पंजाब के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
उल्लेखनीय है कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को मान पर चंडीगढ़ के संबंध में राज्य के अधिकार का आत्मसमर्पण करने का आरोप लगाया था। जो पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी के रूप में कार्य करता है। वर्तमान में पंजाब और हरियाणा सरकारें विधानसभा परिसर को साझा करती हैं। मान ने आरोप लगाया कि सुखबीर बादल और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र की सरकारों के साथ साठगांठ की और उनसे यह बताने को कहा कि जब वे सत्ता में थे तो चंडीगढ़ पर अपने दावे पर चुप्पी क्यों साधे रहे।
अकाली दल और कांग्रेस पर मान का वार
मान ने आरोप लगाया कि बादल अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए चुप रहे, यहां तक कि कांग्रेस नेतृत्व भी मूकदर्शक बना रहा। मान ने कहा कि अकाली और कांग्रेस निराधार बयान जारी करके मीडिया के सामने तमगा हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। मान ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में नशा तस्करों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है और उनका लक्ष्य पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाना है।
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