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पंजाब की भगवंत मान सरकार एनआरआई पंजाबियों पर मेहरबान होने जा रही है। सरकार ने प्रवासी पंजाबियों को सहायता प्रदान करने और उनकी विभिन्न समस्याओं के जल्द हल के लिए नई एनआरआई नीति लाने का फैसला किया है।

मीटिंग में पॉलिसी के ड्राफ्ट पर चर्चा

राज्य के प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने एनआरआई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और एनआरआई आयोग के मंच के साथ मीटिंग के दौरान ड्राफ्ट पॉलिसी के लिए वार्ता की। इस दौरान कुलदीप सिंह धालीवाल ने मीटिंग से जरूरी जानकारियों को साझा करते हुए बताया कि पंजाब सरकार की ओर से प्रवासी पंजाबी नौजवान को अपनी जड़ों से जोड़ने के लिए प्रोग्राम चलाया गया है, उसी तर्ज पर भगवंत मान सरकार की ओर से बुजुर्गों के लिए भी प्रोग्राम बनाया जाएगा, जिसके अंतर्गत प्रवासी पंजाबी बुजुर्गों को राज्य के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थानों की मुफ्त यात्रा कराई जाएगी।

इसके लिए बनाई जाएंगी लोक अदालतें

एनआरआई मामलों संबंधी मंत्री ने बताया कि प्रवासी पंजाबियों को बड़ी राहत प्रदान करने के लिए सिविल लोक अदालतों की तर्ज पर प्रवासियों के मसले निपटाने के लिए एनआरआई लोक अदालतें स्थापित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इन अदालतों में खास तौर पर जमीनों और विवाहों के झगड़े मौके पर ही आपसी सहमति से निपटाए जाएंगे, जिसको कानूनी मान्यता होगी।

मीटिंग में एक अहम फैसला लिया गया जिसे लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान को आवेदन किया जाएगा कि एन.आर.आई के मसलों के जिला स्तर पर निपटाने के लिए हर जिले में पीसीएस अधिकारी को नोडल अफसर के तौर पर तैनात किया जाए। कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि आम तौर पर एनआरआई की जमीनों पर कब्जों के बहुत से मामले सामने आते हैं, जिसके समाधान के लिए फैसला किया गया है कि ऐसा कानूनी बदलाव किया जाए कि एनआरआई की जमीनों की गिरदावरी सहमति के बिना न बदली जा सके।

कानूनी सहायता के लिए बनेगा वकीलों का पैनल

मीटिंग में यह भी फैसला लिया गया कि प्रवासी पंजाबियों की कानूनी सहायता के लिए एडवोकेट जनरल दफ्तर से वकीलों का पैनल बनाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर एनआरआई इन वकीलों से कानूनी सहायता ले सकेंगे। प्रवासी मामलों के मंत्री ने एनआरआई सभा जालंधर के पिछले सालों के दौरान किए गए कार्यों की समीक्षा करने के लिए हिदायतें जारी कीं।