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रोड रेज मामले में एक साल की सजा के बाद जेल की सजा पाने वाले सिद्धू 8 महीने बाद भी बाहर आ सकते हैं। ये सब उनके व्यवहार और आचरण पर निर्भर रहेगा। जानकारों का मानना है कि सिद्धू को ये छूट जेल प्रशासन की सिफारिश पर सरकार से मिल सकती है।
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जेल अधीक्षक को 30 दिन छूट देने का अधिकार
जेल अधीक्षक के पास दोषी को सजा से 30 दिन और छूट देने का अधिकार है। यह आमतौर पर घोर अनुशासनहीनता में लिप्त लोगों को ही नहीं मिली। डीजीपी (जेल) या एडीजीपी (जेल) को अतिरिक्त 60 दिनों की छूट देने का अधिकार है, लेकिन इसके लिए मामला असाधारण और राजनीतिक सहमति होनी चाहिए। मुख्यमंत्री भगवंत मान से सिद्धू की निकटता भी एक कारण हो सकता है। उन्हें इस छूट का लाभ मिलने का एक अच्छा मौका है। सिद्धू विपक्ष के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिनसे सीएम भगवंत मान ने हाल ही में बैठक की थी।
जेल फैक्ट्री में काम दिलाएगा 48 दिनों की छूट
एक बाहरी संभावना यह भी है कि यदि राज्य सरकार जघन्य अपराधों में जेल में बंद सभी दोषियों के लिए विशेष छूट की घोषणा करती है तो सिद्धू को और रियायतें मिल सकती हैं। इसके अलावा सिद्धू को जेल फैक्ट्री में काम करने के एवज में सजा में 48 दिन की छूट खुद-ब-खुद मिल जाएगी। एक जेल अधिकारी ने कहा कि एक दोषी को प्रति माह चार दिन की छूट मिलती है, जिसमें पहले तीन महीने का प्रशिक्षण भी शामिल है, जहां उसे भुगतान नहीं मिलता है।
संकट में कांग्रेस उनके साथ: बाजवा
उधर, सिद्धू के मसले पर सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस संकट के समय में सिद्धू के साथ खड़ी है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी सिद्धू परिवार के साथ खड़े रहने की बात कही है।
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