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पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के परिजन शनिवार को चंडीगढ़ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले। मूसेवाला के परिवार ने पहले शाह को पंजाबी गायक और अपने पुत्र सिद्धू मूसेवाला की हत्या की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की।
ट्वीट से कांग्रेसी नेता का दावा
कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा ने एक ट्वीट से दावा किया कि उन्हें पता लगा है कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मूसेवाला की हत्या की जांच के लिए हाई कोर्ट का सिटिंग जज नियुक्त करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि एसआईटी को मामले की जांच करनी चाहिए।
खैरा ने कहा कि गांव मूसा में मैंने अपने पार्टी सहयोगियों को इस बारे में चेतावनी दी थी। मूसेवाला की मौत की केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग कर रहा परिवार केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार मूसेवाला के परिवार ने पहले शाह को पत्र लिखकर प्रसिद्ध पंजाबी गायक की नृशंस हत्या की केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की थी।
भगवंत का दावा: हत्यारे जल्द होंगे सलाखों के पीछे
I have just learnt from reliable official sources that Chief Justice High Court has rejected @BhagwantMann proposal to appoint a sitting judge of HC to inquire into the murder of @iSidhuMooseWala & SIT should investigate.I had warned my party colleagues about this on 30th at Musa
— Sukhpal Singh Khaira (@SukhpalKhaira) June 3, 2022
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को मूसेवाला के घर का दौरा किया और उनके परिवार को आश्वासन दिया कि उनके हत्यारों को जल्द ही सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा। गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में पंजाब पुलिस की जांच 3 और 13 के कनेक्शन पर जा टिकी है।
दरअसल, गायक के गांव के तीन लोग पुलिस के राडार पर आ चुके हैं। वहीं 13 संदिग्ध नंबर भी पुलिस के हाथ लगे हैं। पुलिस की जांच अब इन्हीं पर जा टिकी है। इन नंबरों से क्या और किससे बात हुई है, इसकी जांच की जा रही है। एसआईटी ने पंजाब की जेलों में बंद गैंगस्टरों और उनके साथियों की संलिप्तता की कड़ी भी तलाशनी शुरू कर दी है।
एजेंसी जुटा रही मोबाइल टावरों का डाटा
अब तक लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े अपराधियों से अलग-अलग जेलों में पूछताछ के साथ ही एसआईटी ने मूसेवाला की हत्या वाले स्थल के करीब लगे मोबाइल टावरों का डाटा जुटा लिया है, जिनमें वारदात के समय इस्तेमाल हो रहे मोबाइल नंबरों की लोकेशन और उन पर हुई बातचीत के आधार पर अपराधियों तक पहुंचने के प्रयास तेज हैं।
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