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अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली जेड श्रेणी सुरक्षा से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि अकाल तख्त के जत्थेदार के रूप में जेड सुरक्षा उनके लिए एक बड़ी बाधा होगी।
अकाल तख्त की ओर से ट्वीट
अकाल तख्त की ओर से ट्वीट में लिखा गया कि जेड सुरक्षा की पेशकश के लिए केंद्र सरकार का सम्मान, निर्णय वापस लिया जाना चाहिए। दरअसल ज्ञानी हरप्रीत सिंह पंजाब सरकार की सुरक्षा पहले ही लौटा चुके हैं। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि मुझे अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है। मुझे मीडिया के जरिए ही पता लगा है। मुझे इस बात की भी जानकारी नहीं है कि केंद्र ने किस इनपुट के आधार पर मुझे जेड सुरक्षा प्रदान की है। अकाल तख्त जत्थेदार की भलाई के लिए मैं केंद्र का आभारी हूं, लेकिन यदि ऐसा है तो मैं सरकार से निर्णय वापस लेने का आग्रह करता हूं।
बोले- मेरे लिए सुरक्षा रखना संभव नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि इसका कारण यह है कि जत्थेदार के रूप में मुझे धार्मिक सभाओं में भाग लेना और देश के विभिन्न हिस्सों में सिख धर्म का प्रचार करने के लिए जाना होता है। कई मौकों पर संगत के साथ घुलना-मिलना पड़ता है और कई बार संगत मेरे आवास की व्यवस्था करती है। इसलिए मेरे लिए जेड-सुरक्षा को साथ ले जाना संभव नहीं होगा क्योंकि यह जत्थेदार के रूप में मेरे कर्तव्य में बाधा उत्पन्न करेगी।
मेरी सुरक्षा के लिए सिख युवा ही बहुत
28 मई को उस समय विवाद खड़ा हो गया था जब भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने जत्थेदार की आधी सुरक्षा वापस लेने सहित 424 लोगों की सुरक्षा में कटौती की थी। इससे नाराज होकर जत्थेदार ने बाकी तीन पुलिसकर्मियों को भी वापस कर दिया था। घंटों बाद, उनकी सुरक्षा बहाल कर दी गई, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि हमें सुरक्षा की जरूरत नहीं है, खासकर सरकार की। उन्होंने कहा था कि खालसा पंथ और हमारे सिख युवा मेरी रक्षा के लिए काफी हैं।
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