Punjab leads in the country in approving projects under AIF scheme:पंजाब एआईएफ स्कीम के तहत प्रोजेक्टों को मंजÞूरी देने में देश में अग्रणीय

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पंजाब एआईएफ स्कीम के तहत प्रोजेक्टों को मंजÞूरी देने में देश में अग्रणीय
पंजाब एआईएफ स्कीम के तहत प्रोजेक्टों को मंजÞूरी देने में देश में अग्रणीय

पंजाब एआईएफ स्कीम के तहत प्रोजेक्टों को मंजÞूरी देने में देश में अग्रणीय

चंडीगढ़ (आज समाज) पंजाब सरकार राज्य में कृषि बुनियादी ढांचा फंड (एआईएफ) को उत्साहित करने में लगातार मिसाली कदम उठा रही है। प्रदेश ने एआईएफ स्कीम के तहत सबसे अधिक स्वीकृत प्रोजेक्टों से लगातार कई महीनों से •ाारत में अपना पहला स्थान बरकरार रखा हुआ है। यह जानकारी बागवानी मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने दी। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सबसे यादा प्रोजेक्ट मंजÞूर करने वाले देश के टॉप दस जिलों में पंजाब के 9 जिलें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब ने किसानों के कल्याण के लिए 14199 महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजÞूरी दी है। यह उपलब्धि न सिर्फ एआईएफ की योजना के तहत पंजाब की स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि राज्य में कृषि-पक्षीय प्रगतिशील वातावरण और फसल कटाई के बाद के प्रबंधन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास को •ाी दर्शाती है।

सबसे अधिक परियोजनाओं को मंजÞूरी देने वाले शीर्ष 10 जिलों में छत्रपति सं•ााजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद, महाराष्ट) ने 1828 परियोजनाओं को मंजÞूरी दी है, जबकि शेष 9 जिले पंजाब के हैं, 1575 परियोजनाओं के साथ जिला बठिंडा, 1464 परियोजनाओं के साथ लुधियाना, 1440 परियोजनाओं के साथ पटियाला, 1439 परियोजनाओं के साथ संगरूर, 1367 परियोजनाओं के साथ फÞाजिल्का, 1100 परियोजनाओं के साथ श्री मुक्तसर साहिब, 758 परियोजनाओं के साथ फिरोजपुर, 723 परियोजनाओं के साथ मानसा और 681 परियोजनाओं के साथ मोगा ने स्थान लिया है।

जौड़ामाजरा ने बताया कि पंजाब में 14199 परियोजनाओं के जरिए किसान और कृषि उद्यमी राज्य में 5938 करोड़ रुपए के •ाारी निवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि एआईएफ योजना के तहत, फसल कटाई के बाद की प्रबंधन गतिविधियों में सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें प्राथमिक प्रसंस्करण (आटा चक्की, तेल निकालने की मशीनें, मसाला प्रसंस्करण, मिलिंग आदि), •ांडारण सुविधाएं (जैसे गोदाम, कोल्ड स्टोर, साइलोजÞ आदि), कस्टम हायरिंग केंद्र (न्यूनतम 4 उपकरण), छंटाई और ग्रेडिंग इकाई, बीज प्रसंस्करण इकाई, जैविक सामग्री उत्पादन, फसल अवशेष प्रबंधन प्रणालियां, कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र, सौर पंप, राईपनिंग चैंबर आदि शामिल हैं।

इसके अलावा योजना के तहत मौजूदा पात्र बुनियादी ढांचे के लिए सौर पैनलों हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने में •ाी सहायता दी जाती है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि बागवानी वि•ााग, पंजाब में एआईएफ के लिए राज्य नोडल एजेंसी (एसएनए) के रूप में कार्य कर रहा है, जिसने योजना के प्रावधानों के अनुसार एक समर्पित परियोजना निगरानी इकाई (पीएमयू) की स्थापना की है। इसके अलावा किसानों तक पहुंच बढ़ाने के लिए एक व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर •ाी शुरू किया गया है और नियमित अपडेट सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य की प्र•ाावी रैंकिंग एसएनए, पीएमयू और वि•िान्न साझेदारों के बीच बेहतर समन्वय को दर्शाती है। इसी तरह राज्य के बैंक •ाी एआईएफ योजना के तहत परियोजनाओं को बढ़ावा देने और मंजÞूरी देने में अनुकरणीय योगदान दे रहे है, जिसके कारण किसानों और कृषि-उद्यमियों को वित्तीय सहायता तक आसान पहुंच मिल रही है और फसल कटाई के बाद की प्रबंधन परियोजनाओं को स्थापित करने में पर्याप्त मदद मिल रही है।

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