नशा तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्षेत्रीय सम्मेलन में सीएम ने लिया हिस्सा
Punjab CM News (आज समाज), चंडीगढ़ : युवाओं में बढ़ता नशे का प्रचलन न केवल पंजाब बल्कि यह पूरे भारतवर्ष के लिए परेशानी का सबब है। पंजाब एक सरहदी सूबा होने के चलते पड़ौसी देश से नशे की तस्करी से दशकों से जूझ रहा है। लेकिन जब से हमारी सरकार बनी है हमने नशा तस्करों का नेटवर्क तोड़ने के लिए लगातार प्रयास किए हैं और उसमें कामयाबी हासिल की है।
यह कहना है प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का जो नशा तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर क्षेत्रीय सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग ले रहे थे। इस दौरान मान ने नशे की रोकथाम के लिए विशेष एनडीपीएस अदालतें स्थापित करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप की मांग की।
वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से अपील की कि पंजाब को विशेष एनडीपीएस अदालतें स्थापित करने और सरकारी वकीलों के साथ-साथ अन्य सहायक स्टाफ की भर्ती के लिए 10 वर्षों तक एकमुश्त 600 करोड़ रुपये (60 करोड़ रुपये प्रति वर्ष) की वित्तीय सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी, 2025 तक सत्र अदालतों में सुनवाई के लिए 35,000 एनडीपीएस मामले लंबित हैं। वर्तमान निपटान दर के अनुसार, औसतन एक सत्र अदालत को नए जुड़ने वाले मामलों को छोड़कर लंबित मामलों की सुनवाई पूरी करने में 7 साल लगते हैं। पांच साल बाद यह औसत निपटान समय 7 साल से बढ़कर 11 साल हो जाएगा (35,000 लंबित मामलों से बढ़कर 55,000 लंबित मामले)।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से अपील की कि एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के लिए नेशनल फंड फॉर ड्रग एब्यूज (एन.डी.पी.एस एक्ट अध्याय-7ए) के तहत फंडिंग की सख्त जरूरत है। इसमें छह सीमावर्ती जिलों के लिए लाइव निगरानी प्रणाली, जेलों के लिए 5जी जैमिंग उपकरण, बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक संसाधन, जेलों में नशा मुक्ति केंद्र, जेलों में एआई निगरानी प्रणाली, नशा तस्करों के लिए विशेष जेल और सभी 28 जिलों में नशा विरोधी जागरूकता अभियान के लिए सहायता शामिल है। सीएम ने कहा कि एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स, पंजाब और जेल विभाग से संबंधित ढांचे को मजबूत करने के लिए 16वें वित्त आयोग के माध्यम से 2829 करोड़ रुपये की फंडिंग उपलब्ध करवाई जाए।
पंजाब की पाकिस्तान के साथ 552 किलोमीटर सीमा
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा लगने और इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण पंजाब को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने 70 और 80 के दशक में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी थी और अब यह पाकिस्तान से आ रही नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है। पंजाब की पाकिस्तान के साथ 552 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है, जिसमें लगभग 43 किलोमीटर कंटीले तार और 35 किलोमीटर नदी क्षेत्र शामिल हैं, जिनके माध्यम से नशे की तस्करी की जा रही है।
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