जालंधर : पहला पंजाब अंतरराष्ट्रीय ग्रैंडमास्टर्स टूर्नामेंट जालंधर में आयोजित किया जाएगा। इसका एलान ऑल इंडिया शतरंज महासंघ के अध्यक्ष डॉ. संजय कपूर ने किया। डॉ. संजय कपूर शतरंज को बढ़ावा देने के लिए उन शहरों को चुन रहे हैं जहां ये खेल लोकप्रिय नहीं है। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि प्रशंसकों को देश में इस खेल के शीर्ष खिलाडिय़ों को देखने की जरूरत है और हमारा लक्ष्य इस टूर्नामेंट के जरिये अच्छे खिलाडिय़ों को सामने लाना है। इसके अलावा सीनियर राष्ट्रीय शतरंज चैम्पियनशिप 13 से 20 अप्रैल तक कानपुर में भव्य शैली में आयोजित की जाएगी।

एआइसीएफ के सबसे युवा अध्यक्ष बनने के बाद संजय ने कहा कि जमीनी स्तर पर शतरंज के विकास के लिए महासंघ अगले महीने से देश में कम से कम तीन जिलों के आयोजकों का चुनाव करेगा और उन्हें कोचिंग देगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य जल्द ही देश में 1500 प्रशिक्षित आयोजकों को तैयार करना है ताकि हम पूरे वर्ष में कई टूर्नामेंट आयोजित कर सकें। एआइसीएफ अध्यक्ष ने यह भी जानकारी दी कि ट्रेनर कार्यक्रम के तहत मौजूदा समय में 14 ग्रैंडमास्टर्स और 14 अंतरराष्ट्रीय मास्टर्स द्वारा 1500 कोचों को ट्रेनिंग  दी जा रही है।  उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य हजारों शतरंज कोचों के लिए रोजगार पैदा करना है जो बारी-बारी से सिखाएंगे और लाखों खिलाडिय़ों को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।

पंजाब के लिए डॉ. कपूर ने जानकारी दी कि वे राज्य में स्कूली कार्यक्रम में शतरंज को लागू करने के लिए पंजाब सरकार के साथ बातचीत कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि देश में हर बच्चा कम से कम तीन से चार साल तक शतरंज खेलें। पूरे देश में सैकड़ों शतरंज शिक्षक स्कूलों में जाएंगे। हम सबसे बड़ा डिजिटल प्लेटफॉर्म भी बनाएंगे ताकि लाखों लोग ऑनलाइन शतरंज सीख सकें और खेल सकें। उन्होंने शतरंज के बोर्ड पर पंजाबियों को असली शेर बनाने की कसम खाई।