Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब में कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने और जैव विविधता के संरक्षण के लिए एक परियोजना जल्द शुरू की जाएगी। प्रदेश में यह परियोजना जापान के सहयोग से शुरू होगी। इस पर कुल 792.88 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
इस परियोजना से पंजाब में कृषि वानिकी के तहत वृक्षों का क्षेत्र बढ़ाने, भूजल बचाने, किसानों की आय बढ़ाने और पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने, शिवालिक क्षेत्र में जल संसाधनों के बेहतर एकीकृत प्रबंधन, राज्य में जलग्रहण क्षेत्रों में सुधार और जैव विविधता के संरक्षण एवं पारिस्थितिक पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार, पर्यावरण मंत्रालय, जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) और पंजाब के वन विभाग द्वारा तैयार की जाएगी। यह परियोजना 2025-26 से पांच वर्षों के लिए लागू की जाएगी।
कैबिनेट ने अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे के लिए एसडीआरएफ और राज्य बजट से संयुक्त रूप से एक करोड़ रुपए से अधिक के फंड जारी करने के लिए सक्षम अथॉरिटी के रूप में राज्य कार्यकारी समिति को नामित करने की मंजूरी भी दी।
इससे प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों के होने वाले नुकसान के लिए किसानों को उचित मुआवजा प्रदान किया जा सकेगा। वर्तमान में राज्य बजट से मुआवजा अलग से दिया जाता है, लेकिन इस कदम का उद्देश्य प्रभावित किसानों को स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (एसडीआरएफ) और राज्य बजट से सामूहिक रूप से समयबद्ध तरीके से मुआवजा उपलब्ध कराने में कोई दिक्कत नहीं आने देना है।