वित्तीय संकट को दूर करने के लिए सरकार की दूर की कौड़ी

Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब सरकार विरासत में मिले वित्तीय संकट को कम करने के लिए अपने स्तर पर पूरा प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार की ओर से अपनी आय बढ़ाने की दिशा में काफी काम किया जा रहा है। इसके बाद सरकार की ओर से पंजाब की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा का साफ कहना है कि पंजाब के खजाने को मजबूत करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस सिलसिले में कई कदम उठाए जा रहे हैं। वित्तिय जानकारों का मानना है कि अगर सरकार इसी तरह से काम करती रही तो आने वाले समय में पंजाब सरकार बेहतर वित्तिय हालत में पहुंच सकती है। इसी बीच पंजाब सरकार के खजाने मे दो हजार 500 करोड़ रुपए आए हैं।

इस तरह सरकार ने जुटाया फंड

सरकार ने यह पैसा किसी संस्था से लोन लेकर या कोई प्रापर्टी बेचकर नहीं कमाया है, बल्कि यह पैसा लगभग 7 हजार फर्मों की आईजीएसटी रिवर्सल प्रक्रिया से मिला है। जो पहले उचित प्रक्रिया के अभाव में दूसरे राज्यों के पास पड़ा हुआ था। इसके अलावा विभाग उन कंपनियों पर भी नजर रख रहा है। जो किसी न किसी तरह से टैक्स चोरी में लगी हुई हैं।

इन फर्मों से मिला पेंडिंग पैसा

जब राज्य कर विभाग सरकारी खजाने को मजबूत करने के प्रयास कर रहा था, तब यह बात सामने आई। दिसंबर माह में कुल सात हजार फर्मों में से 22 ऐसी फर्में पाई गईं। आईजीएसटी रिवर्सल प्रक्रिया पूरी न होने के कारण करीब एक हजार 400 करोड़ दूसरे राज्यों में पड़े थे। अकेले रेल कोच फैक्टरी से सरकारी खजाने को 687.69 करोड़ रुपए मिले। पावरकाम से 123.14 करोड़, नाभा पावर लिमिटेड से 89.50 करोड़, तलवंडी साबो थर्मल प्लांट से 83.03 करोड़, गोइंदबल से 44.16 करोड़ रुपए मिले। इसी तरह बठिंडा रिफाइनरी को 80.14 करोड़ और ट्रास्को को 40.99 करोड़, फोर्टिस हेल्थ केयर को 24.02 करोड़, कारगिल इंडिया को 14.55 करोड़ रुपए मिले। इसके अलावा कई धार्मिक संस्थाएं और कंपनियां हैं, जिनसे पैसा आया है।

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