कहा, पंजाब अपने फैसले पर दृढ़, हरियाणा ने अपना कोटा पहले ही पूरा किया

Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। गर्मी और धान का सीजन शुरू होने से पहले ही पंजाब और हरियाणा में पानी की लड़ाई शुरू हो चुकी है। एक तरफ पंजाब सीएम ने हरियाणा को पानी देने से इंनकार कर दिया है तो वहीं हरियाणा सीएम इस मुद्दों को लेकर केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए दिल्ली पहुंच चुके हैं। इसी बीच पंजाब के सीएमभगवंत सिंह मान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब पर हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे इसको राज्य के खिलाफ अपने नापाक इरादों में सफल नहीं होने देंगे।

एक बयान में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि हरियाणा और राजस्थान को हर साल राज्य के पानी में से हिस्सा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने इस साल मार्च महीने में अपने हिस्से का सारा पानी इस्तेमाल कर लिया है, जिस कारण वे अब पंजाब के पानी पर डाका मारकर कुछ और पानी हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। आंकड़ों का हवाला देते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब तक हरियाणा अपने निर्धारित पानी का 103 प्रतिशत पानी इस्तेमाल कर चुका है और अब भाजपा पंजाब पर हरियाणा को और पानी छोड़ने के लिए दबाव डाल रही है।

बीबीएमबी का गैर कानूनी उपयोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से भाजपा इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) का गैर-कानूनी उपयोग कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनके पहले के राजनेता भाजपा में अपने आकाओं को खुश करने के लिए ऐसी दयालुता दिखाते थे, लेकिन राज्य के पानी के रखवाले होने के नाते वे इसमें कभी भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब ने अपनी नहरों की पानी व्यवस्था को अपग्रेड किया है, जिस कारण अब आने वाले धान के सीजन के मद्देनजर राज्य के किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी की जरूरत है।

पंजाब सीएम ने फिर दोहराई अपनी बात

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब के पास दूसरे राज्यों के साथ साझा करने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य ने पहले ही हरियाणा को मानवता के आधार पर 4 हजार क्यूसेक पानी दिया है ताकि उनकी पीने के पानी की जरूरतों को पूरा किया जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य में पानी की स्थिति पहले ही बहुत नाजुक है और रणजीत सिंह डैम और पोंग डैम में पानी पहले ही पिछले साल के मुकाबले क्रमश: 39 फुट और 24 फुट कम है।