आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश का अध्यक्ष बनाने के बाद भी अभी सब कुछ ठीक नहीं है। इस नियुक्ति के लिए अब तक मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन अब एक लंच की खबर से माहौल और गर्मा गया है। पंजाब उट कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को पंचकूला में होटल में सभी समर्थक विधायकों, सांसदों और अन्य नेताओं को न्योता भेजा है, लेकिन नए प्रदेश अध्यक्ष को इस लंच पर नहीं बुलाया गया। माना जा रहा है कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का मुखिया बनाने बाद कैप्टन खासे नाराज हैं।
सिद्धू को जिम्मेदारी मिलने के बाद लंच डिप्लोमेसी को आलाकमान के खिलाफ लामबंदी के तौर पर भी देखा जा रहा है। इस लंच में दिल्ली से भी कुछ कांग्रेसी नेता शामिल होंगे। सूत्र बताते हैं कि नियुक्ति से पहले रविवार को पंजाब के 11 में से 10 सांसदों ने पत्र लिखकर सोनिया गांधी से नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष न बनाए जाने पर जोर दिया था। सोनिया गांधी ने सभी सांसदों से एक एक कर फोन पर बात भी की, लेकिन इसके बावजूद आलाकमान ने सिद्धू को ही इस पद के लिए उचित समझा। याद दिला दें कि कुछ दिन पहले सिद्धू ने प्रियंका गांधी वाड्रा और सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और तभी माना जा रहा था कि सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नाराज अमरिंदर सिंह ने चुप्पी साध ली है। एक तरफ सिद्धू के घर मिठाई और आतिशबाजी का मंजर है तो दूसरी तरफ खामोशी। कैप्टन के विरोधी, लेकिन सिद्धू को अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध करने वाले प्रताप सिंह बाजवा भी चुप्पी साधे हैं। बाजवा के घर हुई बैठक में मौजूद सांसद गुरजीत सिंह औजला ने न सिर्फ सिद्धू को बधाई दी बल्कि सबको साथ लेकर चलने की ताकीद भी की।
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