चंडीगढ़। प्रवासियों की आमद और राज्य में टेस्टों की सीमित क्षमता को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य और चंडीगढ़ में स्थित छह प्रमुख शोध संस्थाओं में तुरंत टेस्ट क्षमता बढ़ाकर रोजाना 2000 तक करने की मांग की है। यह प्रमुख संस्थाएं पीजीआई चंडीगढ़ (केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय), इमटैक-सीएसआईआर. चंडीगढ़ (डीएसटी), आईआईएसईआर. मोहाली (केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय), एनआईपीईआर मोहाली (डीओ पीएच), नेशनल एग्रीकल्चरल बायोटेक्नॉलोजी इंस्टीट्यूट मोहाली (डीओबीटी) और सेंट्रल यूनिवर्सिटी बठिंडा ( केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय) हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को सोमवार को पत्र लिखकर कोविड-19 संबंधी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया में राज्य सरकार की मदद के लिए टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने के लिए इन संस्थाओं को तुरंत हिदायतें जारी करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के समय-समय पर जारी हुए दिशा-निर्देशों के मुताबिक राज्य सरकार कोविड-19 की महामारी की रोकथाम के लिए हर संभव यत्न कर रही है। अपने पत्र में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब और चंडीगढ़ स्थित भारत सरकार की इन संस्थाओं को रोजाना 2000 टेस्टों की क्षमता मुहैया करवाने की अपील पहले ही कर चुकी है। जिक्रयोग्य है कि राज्य द्वारा कोविड के लिए अब तक 24,908 टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 1000 टेस्ट पॉजिटिव आए हैं। इनमें से 20,729 टेस्ट पटियाला, अमृतसर और फरीदकोट के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में किए गए हैं, जिनकी रोजाना 1050 टेस्ट करने की क्षमता है जबकि बाकी टेस्ट प्राइवेट लैब के साथ-साथ केंद्र सरकार की लेबोरेट्रियों में किए गए हैं। पंजाब की लेबोरेट्रियों में पहले से ही एक दिन में तीन शिफ्टों में काम हो रहा है, जो कि बहुत ज्यादा है, जिस कारण टेस्टों की संख्या सीमित है।
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