Punjab Assembly Elections Update 2022
आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
Punjab Assembly Elections Update 2022 : पंजाब में 117 विधानसभा सीटों पर अभी वोटिंग जारी है लेकिन रुझानों में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते दिखाई दे रही है। पंजाब में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 57 सीटें हैं लेकिन अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने जिस तरह दिल्ली में कमाल किया था, वैसा ही कमाल उनकी पार्टी अब पंजाब में करते दिख रही है। फिलहाल आम आदमी पार्टी 117 में से रिकार्ड तोड़ 90 सीटों पर आगे चल रही है। ऐसे में हर किसी के मन में यही है कि आखिर किन कारणों से आम आदमी पार्टी पंजाब में इतना बड़ा आंकड़ा लेते नजर आ रही है।
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पंजाब में आम आदमी पार्टी के सरकार बनाने के ये हैं मुख्य कारण
1. अभी तक पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी लेकिन पिछले कुछ समय में पंजाब कांग्रेस में जो हुआ, वह किसी से छिपा नहीं है। नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंद्र सिंह के बीच तनातनी, कैप्टन का इस्तीफा और फिर चन्नी का सीएम बनना। पंजाब कांग्रेस में कलह यही नहीं रुकी, नवजोत सिंह सिद्धू को सीएम पद का उम्मीदवार न बनाना भी कहीं न कहीं आपसी कलह का कारण हो सकती है। वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और सुनील जाखड़ के बीच अनबन की खबरों से पार्टी की छवि खराब हुई है।
2. कांग्रेस ने जब कैप्टन को हटाकर चन्नी को सीएम बनाया तो भी सरकार के खिलाफ जबरदस्त माहौल था। पंजाब में कांग्रेस न रोजगार के साधन दे पाई और न ही नशाखोरी से मुक्ति दिला सकी। ऊपर से आपसी कलह सत्ता-विरोधी मत एकजुट हो गए। बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या रही है। 2017 में कांग्रेस ने शिरोमणि अकाली दल की सरकार को चुनौती देने के लिए घर-घर नौकरी का वादा किया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 के अंत में पंजाब में बेरोजगारी की दर 7.85 प्रतिशत थी।
3. पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल दिखाकर मतदाताओं का ध्यान खींचा। बता दें कि 2014 लोकसभा चुनावों में पार्टी ने 3 सीट जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी थी। उस समय तो दिल्ली तक में आप को एक भी सीट नहीं मिली थी। तब से पंजाब में आप को कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल का तगड़ा प्रतिस्पर्धी माना जा रहा था।
4. आम आदमी पार्टी के चुनावी एजेंडा में नशाखोरी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे प्रमुख थे। आप ने चुनावी घोषणा पत्र में सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति में सुधार का वादा किया था। केजरीवाल ने दिल्ली में जो कहा था, वह करके भी दिखाया है। ऐसे में लोगों का भरोसा भी था। किसानों की समस्याओं को हल करने का वादा भी आप के पक्ष में रहा।
5. तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के मन में सभी पार्टियों के प्रति रोष था। इसलिए पंजाब में आम लोगों से लेकर किसानों तक सभी चाहते थे कि इस बार कोई नई पार्टी आए। संयोग से आम आदमी पार्टी ऐसे समय में मजबूत हुई और आज इसका नतीजा सभी के सामने है।