Punjab Assembly election 2022 अमृतसर (पूर्व) से मजीठिया प्रत्याशी, सिद्धू की आसान नहीं राह
आज समाज डिजिटल, अंबाला:
Punjab Assembly Election 2022 : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की ओर से पूर्व मंत्री और हाल ही में विवादों में चर्चित बिक्रम सिंह मजीठिया (Vikram Majithia) को हलका अमृतसर ईस्ट से नवजोत सिद्धू (Navjot Sidhu) के खिलाफ उतारे जाने से ये सीट भी चर्चित हो गई है। यह हलका हाल ही में अस्तित्व में आया है और सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर यहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतीं थीं। (Punjab Assembly Election 2022 )
सात हजार वोट से जीती थीं नवजोत कौर
पिछले चुनाव में नवजोत कौर को 33 हजार से अधिक वोट पड़े थे जबकि कांग्रेस की बागी निर्दलीय सिमरप्रीत कौर को 26 हजार से अधिक वोटों से संतोष करना पड़ा था। ऐसे में कहा जा सकता है कि वोट विभाजन ने ही नवजोत की राह आसान की थी। (Punjab Assembly Election 2022 ) चुनाव के बाद सिमरप्रीत कौर भाटिया और उनके परिवार को सिद्धू ने ही भाजपा में शामिल करा दिया था। बाद में भाटिया परिवार ने सिद्धू परिवार के ही साथ कांग्रेस का हाथ थाम लिया था और अब सिमरप्रीत कौर के ससुर अजीत सिंह भाटिया अमृतसर ईस्ट में वार्ड नंबर 30 से पार्षद भी हैं।
40 हजार वोट से जीते थे नवजोत सिंह
शिअद-भाजपा विरोधी लहर के कारण नवजोत सिंह को तब विधानसभा चुनाव में बेहद आसान जीत नसीब हो गई थी और वह 40 हजार से भी अधिक वोटों से विजयी रहे थे।(Punjab Assembly Election 2022) शिअद यहां से इस बार मजीठिया की उम्मीदवारी में पहली बार चुनाव लड़ रहा है और यह सीट शिअद-भाजपा गठबंधन के समय भाजपा के ही पास रही थी। लेकिन सिद्धू परिवार की हर मौके पर मुखालफत करने के लिए ही बिक्रम सिंह मजीठिया और शिअद हलका अमृतसर ईस्ट में सक्रिय बने रहे।
यहां सभी 18 पार्षद कांग्रेस के
शिअद का यहां कोई पार्षद नहीं है और सभी 18 पार्षद कांग्रेस से हैं। ऐसे में शिअद को यहां मजीठिया के लिए जमीनी स्तर पर ही चुनाव प्रचार का कामकाज शुरू करना होगा। वैसे शिअद अपने चुनाव प्रबंधन के लिए विख्यात है। एक पार्टी नेता का कहना है कि हमारा सबसे पहला लक्ष्य तो नवजोत सिंह सिद्धू की हार तय करना ही है। और उनका कहना है कि हलके में मजीठिया के लिए चुनाव प्रचार का प्रबंधन करने के लिए सभी विकल्प खुले हैं।