Pune Porsche Accident Case, (आज समाज), पुणे: पुणे पोर्श मामले में नाबालिग के माता-पिता को जमानत नहीं मिली है। स्थानीय अदालत ने उन पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। गुरुवार को जमानत याचिका रद करते हुए अदालत ने कहा कि आरोपियों ने हादसे के बाद सड़क पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवक-युवती का खून सूखने से पहले सबूतों से छेड़छाड़ शुरू कर दी थी।
यह है मामला
पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 18-19 मई की रात को पोर्श कार से तेज गति से जा रहे एक किशोर ने बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मार दी थी। दोनों की मौके पर मौत हो गई। वह आईटी सेक्टर में काम करते थे। कार चला रहे आरोपी युवक की उम्र 17 साल 8 महीने है। घटना के समय आरोपी नशे में था और वह 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था।
मां-बाप पर ब्लड सैंपल बदलवाने का आरोप
नाबालिग के माता-पिता विशाल और शिवानी अग्रवाल पर अस्पताल में अपने बेटे का ब्लड सैंपल बदलवाने का आरोप है, जिससे यह साबित हो सके कि हादसे के समय वह नशे में नहीं था। मामले में ससून अस्पताल के डॉ. अजय तवारे, डॉ. श्रीहरि हलनोर, बिचौलिये अशपाक मकंदर और अमर गायकवाड़ भी आरोपी हैं।
जानिए जजों ने अपने आदेश में क्या कहा
डिस्ट्रिक्ट जज और एडिशनल सेशन जज यू एम मुधोलकर ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों को जमानत देने से निश्चित रूप से गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ होगी। उन्होंने कहा कि इससे गलत मैसेज जाएगा। मृतकों के परिवार के साथ-साथ समाज को न्याय नहीं मिल सकेगा। 25 जुलाई को पुलिस ने पुणे पोर्श केस में 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।