रायपुर. 28 मई 2020. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने क्वारेंटाइन सेंटर्स में रह रहीं गर्भवती महिलाओं की रोजाना जांच और अच्छी देखभाल के साथ प्रसव संबंधी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने इनके लिए अलग से क्वारेंटाइन सेंटर बनाने और वहां नियमित जांच, चिकित्सा एवं अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि क्वारेंटाइन सेंटर्स में व्यवस्था न होने की स्थिति में उन्हें क्वारेंटीन के मानकों का पालन करते हुए सिविल अस्पतालों के पृथक वार्ड या कमरों में रखा जा सकता है। यदि ये महिलाएं इस दौरान अपने पति को साथ रखना चाहती हैं तो उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने प्रवासी गर्भवती महिला श्रमिकों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने और उनके लिए अलग से क्वारेंटाइन सेंटर बनाने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को परिपत्र जारी किया है। विभाग ने क्वारेंटाइन सेंटर्स में रह रहीं गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच एवं प्रसव संबंधी सभी जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने कहा है।
संचालनालय, स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 का संक्रमण गर्भवती महिला एवं गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए खतरनाक व जानलेवा है। प्रवासी मजदूरों के लिए संचालित क्वारेंटाइन सेंटर्स में गर्भवती महिलाओं को भी अन्य महिलाओं के साथ रखा जा रहा है। गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की अधिक संभावना है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीएमएचओ को निर्देशित किया है कि क्वारेंटाइन सेंटर्स में रह रही गर्भवती महिलाओं को डॉक्टरी परामर्श उपलब्ध कराकर उनकी सहमति लेकर उन्हें अलग क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाए। विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए पृथक से बनाए जाने वाले क्वारेंटाइन सेंटर के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए क्वारेंटाइन सेंटर विकासखंड और जिला स्तर पर चिन्हांकित बड़े कस्बों में ही बनाने के निर्देश दिए गए हैं। वहां भोजन व स्वच्छ पेयजल, स्नानगृह एवं शौचालय की अनिवार्य व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा गया है। क्वारेंटाइन सेंटर में दो बिस्तरों के बीच एक से दो मीटर का अंतर रखने कहा गया है। सामान्य कचरे एवं बायो-मेडिकल वेस्ट का निपटान मानकों के अनुरूप करने के भी निर्देश दिए गए हैं। क्वारेंटाइन सेंटर्स में बार-बार हाथ धोने के लिए साबुन और सेनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्यतः रखी जाए। गर्भवती महिला के रिश्तेदारों एवं अन्य बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश को पूर्णतः प्रतिबंधित रखने और आपातकालीन फोन नंबर 102, 108, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र व पुलिस थाना का नंबर प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने सीएमएचओ को गर्भवती महिलाओं की जांच एवं प्रसव की सभी सुविधाएं मुहैया कराने कहा है। सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीयन कर एमसीपी कॉर्ड प्रदान करने और महिला ग्रामीण चिकित्सा सहायक या महिला चिकित्सा अधिकारी से जांच करवाने के भी निर्देश दिए हैं। निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार गर्भवती महिलाओं के रक्त एवं पेशाब की जांच के साथ ही उन्हें टीडी का टीका लगवाने तथा कैल्शियम, विटामिन और आईएफए की गोलियां उपलब्ध कराने कहा गया है।
परिपत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग से समन्वय कर गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण आहार की व्यवस्था करने कहा गया है। कोविड-19 के लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करने, क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने एवं गंभीर रक्त अल्पता की स्थिति में पूर्ण उपचार उपलब्ध कराने तथा कोविड-19 से बचाव के लिए सभी सुरक्षात्मक उपायों का पालन कर एएनसी जांच के भी निर्देश स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए हैं। सभी गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी प्रतिदिन राज्य कार्यालय को भेजने कहा गया है।