एजेंसियां,वॉशिंगॅटन। आखिरकार तमाम कयासों और संभावनाओंके बाद अमेरिका में राष्ट्रपति की स्थिति साफ हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन ने बाजी मारी और वह अपनी जीत दर्ज की है। 77 वर्षीय पूर्व उपराष्ट्रपति अब अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनेंगे। अमेरिका के बड़े मीडिया आउटलेट्स ने 3 नवंबर को हुए चुनाव में बाइडेन को विजेता बताया है। इस बीच भारतीयों के लिए भी एक गर्व की बात यह है कि भारतीयमूल की कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनने जा रही हैं।

हालांकि इन सबके बीच डोनाल्ड ट्रंप हार मानने को तैयार नहीं है। वह अब भी खुद को ही विजेता बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाइडेन अमेरिकी चुनाव में खुद को गलत तरीके से विजेता दिखा रहे हैं। असोसिएटेड प्रेस के अलावा सीएनएन और एनबीसी न्यूज ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन को विजेता घोषित किया है। बता दें कि जो बाइडेन बराक ओबामा के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रहे हैं। बाइडेन ने पेन्सिलवेनिया में जीत से 20 इलेक्टोरल वोट्स हासिल किए हैं, जिससे उन्होंने बहुमत के लिए जरूरी 270 के आंकड़े को आसानी से पार कर लिया है। बाइडेन और हैरिस 20 जनवरी को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।

जो बाइडेन की जीत के पीछे के कारणों की समीक्षा करें तो कुछ मुद्दे हैं जिनपर गौर किया जाना चाहिए. मसलन ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन जो अमेरिका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ चलाया गया था. इसके अलावा अमेरिका में कोरोना की वजह से जितने लोगों की मौत हुई उसने भी निश्चित तौर पर ट्रंप सरकार की छवि खराब की. इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप की कार्यशैली और उनका बड़बोलापन भी उनके खिलाफ गया.