Punjab Political News (आज समाज), चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश की राजनीति में जिस पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है वह है शिअद। चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन का ठीकरा जहां शिअद नेता अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के सिर फोड़ रहे हैं वहीं वे बादल से इस्तीफे की मांग भी कर रहे हैं। हालांकि पार्टी के कुछ सीनियर नेता स्थिति संभालने की कोशिश में जुटे हुए हैं लेकिन बागी शिअद अध्यक्ष पद से सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए हैं। सूत्रों का कहना है कि यदि बागी ने माने तो शिअद का दो फाड़ होना लगभग तय है।
जानकारी के अनुसार एक जुलाई को जब शिरोमणि अकाली दल का बागी धड़ा श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होकर पुरानी गलतियों की माफी मांगेगा, उसी दिन एक नए अकाली दल की नींव रख दी जाएगी। बागी धड़े ने स्पष्ट कर दिया है कि सुखबीर बादल के प्रधान पद से इस्तीफे से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। सुखबीर बादल भी पद न छोड़ने पर अड़े हुए हैं ऐसे में सिर्फ एक ही बीच का रास्ता बचता है कि बागी ग्रुप अपना नया अकाली दल गठित कर ले।
बादल परिवार नकारा रहा किसी भी तरह का विरोध
दूसरी तरफ बादल परिवार की तरफ से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने दिल्ली में बीते दिनों अपने बयान में कहा था कि दल पूरी तरह से एकजुट है और पार्टी के 117 में से 112 सदस्य सुखबीर सिंह बादल के साथ हैं। हरसिमरत कौर ने कहा था कि पार्टी के मात्र चंद नेता है जो भाजपा के इशारों पर चलते हुए पार्टी में फूट डालना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त यह पंथक दल पूरी तहर से एकजुट है और प्रदेश के लोगों की आवाज को बुलंद कर रहा है।