Haryana News Chandigarh: ठंडे बस्ते में एनडीआरएफ की स्थायी यूनिट लगाने का प्रस्ताव

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मानसून के आगमन के साथ फिर बाढ़ की चिंता बढ़ी
Haryana News Chandigarh (आज समाज) चंडीगढ़: मानसून के आगमन के साथ बाढ़ की चिंता फिर से सताने लगी है। बाढ़ से निपटने के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पिछले साल भी सरकार ने बाढ़ की रोकथाम के लिए कई कदम उठाए थे। इनमें से एक मुद्दा नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की स्थायी बटालियन हरियाणा में स्थापित करने की कवायद का था। राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर राज्य में एनडीआरएफ की स्थायी यूनिट स्थापित करने की मांग की थी, ताकि किसी तरह की कोई आपदा आने पर तत्काल राहत कार्य शुरू किया जा सके। इसके लिए सरकार ने हिसार में जगह उपलब्ध कराने की मांग भी की थी, मगर यह प्रस्ताव अब ठंडे बस्ते में चला गया है। सरकार की ओर से फिलहाल इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। पिछले साल आई बाढ़ में हरियाणा को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। जुलाई में आई बाढ़ से 44 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और हजारों लोगों को अपने घर छोड़ कर जाना पड़ा था। उस दौरान सरकार को मदद के लिए एनडीआरएफ की टीमों को भी बुलाना पड़ा था। मगर जब तक एनडीआरएफ की टीमें आतीं, तब तक काफी नुकसान हो चुका था। इससे सबक लेते हुए राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर एनडीआरएफ की स्थायी बटालियन स्थापित करने की मांग की थी। उन्होंने यह मुद्दा गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आपदा विभाग के मंत्रियों के साथ हुई बैठक में भी उठाया था। मगर उनके बाद इस मुद्दे को किसी नहीं उठाया। बताया जा रहा है कि नई सरकार के गठन के बाद इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है। सरकार ने फिलहाल इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सरकारी सूत्रों ने बताया है कि बठिंडा स्थित एनडीआरएफ की बटालियन ने भी फतेहाबाद में यूनिट स्थापित करने के लिए जगह मांगी थी, मगर यह मांग भी सिरे नहीं चढ़ सकी है।

बाढ़ रोकथाम के लिए आईआरबी के जवान प्रशिक्षित

गुरुग्राम स्थित आईआरबी यूनिट के 271 जवानों को आपदा से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें से 74 पुलिसकर्मियों को बाढ़ बचाव के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इन सभी प्रशिक्षित कर्मियों को राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है। आपदा या आपात स्थिति से निपटने के लिए इन जवानों को ही विशेष रूप से भेजा जाता है।