Haryana Civic Elections: हरियाणा में प्रॉपर्टी टैक्स बकाएदार भी लड़ सकते है निकाय चुनाव

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Haryana Civic Elections: हरियाणा में प्रॉपर्टी टैक्स बकाएदार भी लड़ सकते है निकाय चुनाव
Haryana Civic Elections: हरियाणा में प्रॉपर्टी टैक्स बकाएदार भी लड़ सकते है निकाय चुनाव

घर में शौचालय होना जरूरी
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। नामाकंन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नामाकंन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 फरवरी है। निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए कई नियम बनाए गए है। इस प्रक्रिया के बीच यह खुलासा हुआ है कि प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टर भी निकाय चुनाव को लड़ सकता है। हरियाणा म्युनिसिपल एक्ट 1973 की धारा 13-ए में प्रॉपर्टी टैक्स बकाया होना अयोग्यता नहीं बताया गया है, जबकि हरियाणा नगर निगम लॉ, 1994 की धारा 8 में निगम के प्रति किसी भी प्रकार की धनराशि देय होना अयोग्यता बताया गया है।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और म्युनिसिपल कानून के जानकार हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा म्युनिसिपल कानून प्रदेश की सभी नगर पालिका परिषदों और नगर पालिका समितियों पर लागू होता है। इस कानून की धारा 13-ए में नगर निकायों के अध्यक्ष और वार्ड सदस्यों का चुनाव लड़ने के बारे में उल्लेख किया गया है।

कौन नहीं लड़ सकता चुनाव

कानून में जिन बिंदुओं का उल्लेख किया गया है उनमें 21 वर्ष से कम आयु वाला व्यक्ति निकाय चुनाव नहीं लड़ सकता है। इसके अतिरिक्त अगर किसी व्यक्ति को अदालत द्वारा किसी क्रिमिनल (फौजदारी) केस में 10 साल की जेल की सजा हो चुकी हो या उसके विरूद्ध ऐसे किसी आपराधिक मामले में चार्जेज फ्रेम (आरोप तय) किए गए हैं, जिसमें उसे दोषी साबित होने पर कम से कम 10 वर्ष का कारावास हो सकता है, वह भी निकाय अध्यक्ष या वार्ड सदस्य का चुनाव नहीं लड़ सकता है।

बिजली बिल का भुगतान न करने वाला व्यक्ति भी चुनाव नहीं लड़ सकता

इसके अतिरिक्त अगर किसी व्यक्ति कि प्राथमिक कृषि कोपरेटिव (सहकारी) सोसाइटी, जिला केंद्रीय को-आपरेटिव बैंक या जिला प्राथमिक सहकारी कृषि ग्रामीण विकास बैंक के प्रति किसी प्रकार के भुगतान की देनदारी है, तो वह भी नगर निकाय अध्यक्ष और वार्ड सदस्य का चुनाव नहीं लड़ सकता है।

इसी प्रकार बिजली बिलों का भुगतान न करने वाला व्यक्ति भी चुनाव नहीं लड़ सकेगा। इसके अतिरिक्त अगर भावी उम्मीदवार यह घोषणा करने में असफल रहता है कि उसके घर, निवास स्थान पर कार्यशील टॉयलेट (शौचालय) है, तब भी उसे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होगा।

शैक्षणिक योग्यता

इसके अतिरिक्त नगर निकाय अध्यक्ष और वार्ड सदस्यों का निर्वाचन लड़ने वालों के लिए न्यूनतम मैट्रिक (10वीं ) पास होना आवश्यक है। अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के पुरुष और हर वर्ग की महिला के लिए हालांकि कम से कम आठवीं पास होना आवश्यक है।

वहीं वार्डों से चुनाव लड़ने वाली अनुसूचित जाति वर्ग की महिला उम्मीदवार के लिए पांचवी पास होना ही पर्याप्त है। पिछड़ी जाति (बीसी) के पुरुष, महिला के उम्मीदवार के लिए कोई रियायत नहीं है। उन पर सामान्य वर्ग के प्रत्याशी के तौर पर ही योग्यता का पैमाना लागू होगा।

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