रोहतक 26 अप्रैल:
Promote The Development Of Medical Biotechnology: मेडिकल बायोटैक्नोलोजी एक उभरता हुआ क्षेत्र है जिसकी स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार में अहम भूमिका है। बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए आज मेडिकल बायोटैक्नोलोजी के विकास को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। यह उद्गार पं भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के पुलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसन विभाग के हेड प्रो. धु्रव चौधरी ने आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर मेडिकल बायोटैक्नोलोजी में विशेष व्याख्यान देते हुए व्यक्त किए।
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प्रो. धु्रव चौधरी ने मेडिकल बायौटक्नोलोजी के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने की की बात कही (Promote The Development Of Medical Biotechnology)
प्रो. धु्रव चौधरी ने अपने प्रभावशाली संबोधन में-एडवांसेज इन मोलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स विषय पर व्याख्यान दिया। प्रो. धु्रव चौधरी ने कहा कि मोलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स ऐसी तकनीक है, जिससे रोग की प्रारंभिक पहचान हो जाती है। उन्होंने कहा कि मोलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स भविष्य में चिकित्सकों के प्रत्येक रोगी के लिए सही दवा देने के निर्णय लेने की क्षमता में महत्ती भूमिका अदा करेगी। प्रो. धु्रव चौधरी ने मेडिकल बायौटक्नोलोजी के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल देने की बात कही।
कॅरियर के अवसरों एवं संभावनाओं बारे भी विस्तार से बताया (Promote The Development Of Medical Biotechnology)
प्रो. चौधरी ने मेडिकल बायोटैक्नोलोजी के क्षेत्र कॅरियर के अवसरों एवं संभावनाओं बारे भी विस्तार से बताया। उन्होंने अपने मेडिकल अनुभवों के द्वारा विद्यार्थियों को चिकित्सा क्षेत्र की चुनौतियों एवं उनसे निपटने के जरूरी कौशल बारे भी महत्त्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को आउट ऑफ बाक्स सोचने तथा इन्नोवेटिव रिचर्य करने के लिए प्रेरित किया। सीएमबीटी निदेशिका प्रो. पुष्पा दहिया ने आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर सीएमबीटी के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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