नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
महिला एवं बाल विकास विभाग के दिशा निर्देशानुसार वन स्टॉप सेंटर प्रशासक वंदना यादव व जिला सरंक्षण अधिकारी सरिता शर्मा की देखरेख में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के बारे में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को जागरूक करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया गया। वन स्टॉप सेंटर प्रशासक वंदना यादव ने बताया कि 25 नवंबर को दुनिया भर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के बारे में जागरूक करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी प्रकार 10 दिसंबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को घरेलू हिंसा, बाल विवाह व साइबर क्राइम के बारे में जानकारी दी।
कोई भी महिला वन स्टॉप सेंटर व दूरभाष नंबर 01282-250091 पर फोन कर ले सकती हैं सहायता
वन स्टॉप सेंटर प्रशासक वंदना यादव ने बताया कि सरकार ने हिंसा प्रभावित महिलाओं और किशोरियों की समस्याओं का समाधान एक ही छत के नीचे करने के उद्देश्य से जिला में वर्ष 2016 में वन स्टॉप सेंटर की शुरूआत की गई। कोई भी महिला पुराने लघु सचिवालय में स्थित वन स्टॉप सेंटर पर आकर तथा हेल्पलाइन नंबर 181 व कार्यालय के दूरभाष नंबर 01282-250091 पर फोन कर सहायता ले सकती हैं। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए वन स्टॉप सेंटर में हिंसा से प्रभावित महिलाओं को उनके परिवार से मिलाकर समझौता करवाने को लेकर सहायता की जाती है। उन्होंने बताया कि महिलाएं वन स्टॉप सेंटर में महिला हेल्पलाइन नंबर 181 के द्वारा भी संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। इस सेंटर से जिला में महिलाओं व किशोरियों को पूरा लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि वन स्टाप सेंटर में एक ही छत के नीचे महिलाओं को निशुल्क विधिक चिकित्सा, परामर्श एवं अधिकतम पांच दिन आश्रय देने का प्रावधान है। सेंटर में विधिक परामर्शदाता, सामाजिक कार्यकर्ता, मनोवैज्ञानिक, स्टाफ नर्स व रसोई के साथ ही मल्टीपरपज स्टाफ की पूरी टीम है। टीम द्वारा पीड़िता को आकस्मिक सेवा (दुर्घटना स्थल से केंद्र तक लेकर आना) पांच दिन का अस्थाई आश्रय प्रदान करना, चिकित्सा सुविधा, मानसिक व सामाजिक परामर्श तथा कानूनी सहायता इत्यादि की सुविधाएं दी जाती है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी अपराध है।: सरिता शर्मा
संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सरिता शर्मा ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी अपराध है। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान महिलाओं से आह्वान किया कि बाल विवाह जैसी बुराई को जड़ से खत्म करने में अपना सहयोग दें। आमजन के सहयोग से ही ऐसी कुरीतियों को रोका जा सकता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के को नाबालिग माना जाता है। यदि कम आयु में विवाह किया जाता है तो यह संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है । उन्होंने बताया कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है या उसकी सहायता करता है तो 2 साल तक की सजा और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है । बाल विवाह के आयोजन से संबंधित जानकारी देने के लिए आमजन बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112, मैजिस्ट्रेट या चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 पर संपर्क कर सूचना दें ताकि समय पर हस्तक्षेप करके नाबालिक के विवाह को रुकवाया जा सके।
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