नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
नागरिक अस्पताल नारनौल में सिविल सर्जन डॉक्टर धर्मेश कुमार सैनी की अध्यक्षता में विश्व निमोनिया दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉक्टर धर्मेश कुमार सैनी ने बताया कि निमोनिया फेफड़ों में रोगाणुओं के संक्रमण से होता है। यह एक गम्भीर बीमारी है। उन्होंने बताया कि देश में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का निमोनिया एक बड़ा कारण है।
तुरन्त पहचाने निमोनिया के लक्षण
बच्चों में खांसी, जुकाम, तेजी से सांस लेना तथा सांस लेते समय पसली चलना या छाती का नीचे धसना व तेज बुखार आना आदि निमोनिया के लक्षण हैं। निमोनिया ग्रस्ति रोगी के खांसने या छिंकने से हवा में फैलता है। उन्होंने निमोनिया के बचाव के बारे में बताया कि बच्चों के शरीर को ढककर रखें, सर्दियों में उनी कपडें पहनाएं, खाना पकाने खाने तथा शौच के बाद साबुन से हाथ धोएं, पानी ढक कर रखें। चैन की सांस लेगा बचपन, जब आप तुरन्त पहचाने निमोनिया के लक्षण। उन्होंने बताया कि खांसी, जुखाम का बढ़ना, खाना पीना छोड़ देना, सुस्ती, अधिक नींद आना निमोनिया के लक्षण है।
निमोनिया बारे में किया जाएगा जागरूक
इस मौके पर उप सिविल सर्जन (प्रतिरक्षण) डा. नरेन्द्र कुमार ने बताया कि जिले में यह कार्यक्रम 12 नवम्बर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान आशा वर्कर/एएनएम घर-घर जाकर 0 से 5 साल तक के बच्चों का सर्वे करेगी और निमोनिया बारे में बच्चों के अविभावकों को जागरूक किया जाएगा। यदि किसी बच्चे को निमोनिया के लक्षण मिलते हैं तो उसको तुरन्त स्वास्थ्य केन्द्र पर रैफर किया जाएगा। चिकित्सा अधिकारी डा. विकास निर्मल ने बताया कि छोटे बच्चों में यदि निमोनिया के लक्षण शुरुआत में पता चल जाते हैं तो बच्चा जल्दी ठीक हो जाता है और अस्पताल में भर्ती होने बचाया जा सकता है। इसलिए घरेलु उपचार में समय ना गवाएं। निमोनिया के लक्षण पहचान कर बच्चे को तुरन्त स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाएं।
इस मौके पर ये रहे सभी उपस्थित
इस मौके पर उप सिविल सर्जन डा. दिनेश कुमार, उमेश कुमार सैनी, कंवरपाल, ऋषि कुमार, कमलेश, विनोद कुमार, सुनिता यादव, कैलाश, भारती देवी व दूसरे कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित थे।
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