- शहीदों के गांव में जाकर शहीद परिवार सहित दी श्रद्धांजलि
प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार को जिला पुलिस की ओर से शहीद हुए पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए जगह-जगह कार्यक्रम किए गए। पुलिस अधीक्षक मोहित हाण्डा ने कहा कि शहीदों की याद में जिला पुलिस कार्यक्रम कर रही है। ताकि समाज और आने वाली पीढ़ी को को हमारे शहीद हुए पुलिस कर्मियों की बहादुरी का पता चल सके।
शहीद परिवार सहित दी श्रद्धांजलि
उन्होंने बताया कि डीएसपी राजीव सिंह ने शहीद हुए इंस्पेक्टर बलजीत सिंह को उनके घर जा कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर बलजीत सिंह जिला करनाल में पोस्टिड थे। 31 मई 1992 को पाला राम नाम के आतंकी की तलाश में पुलिस टीमें दबिश दी रही थी। उसके गांव में छापेमारी की गई। वह नहीं मिला था। इस दौरान एक अन्य आतंकी जरनैल सिंह ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग की। जिसमें इंस्पेक्टर बलजीत सिंह समेत कई अन्य पुलिसकर्मियों को गोली लगी थी। जिसमें बलजीत सिंह शहीद हो गए थे। डीएसपी राजीव सिंह, वेलफेयर इंस्पेक्टर सोमवती,थाना प्रबंधक हुड्डा रामपाल व अन्य पुलिस अधिकारियों ने उनके घर पर जाकर उनके परिवार को सम्मानित किया।
इसी प्रकार डीएसपी प्रमोद कुमार ने शहीद करण सिंह को उनके गांव में मांड खेड़ी में जाकर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि शहीद करण सिंह थाना बिलासपुर में तैनात थे। उनको गुप्त सूचना मिली की कुछ नौजवान सिख आतंकवादी असला के साथ गुरुद्वारा गांव मारवा खुर्द में छिपे हैं। इस सूचना पर मुख्य सिपाही करण सिंह व मुख्य सिपाही सतबीर सिंह अन्य पुलिस कर्मचारियों के साथ मौका पर रेड करने के पहुंचे और आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में करण सिंह शहीद हो गए। डीएसपी प्रमोद कुमार, वेलफेयर इंस्पेक्टर सोमवती,थाना प्रबंधक सदर जगाधरी कुसुम बाला व अन्य पुलिस अधिकारियों ने उनके घर पर जाकर उनके परिवार को सम्मानित किया।
पुलिस कर्मी कभी जोखिम से नहीं डरते
डीएसपी प्रमोद कुमार, वेलफेयर इंस्पेक्टर सोमवती, थाना प्रबंधक छप्पर जसवीर सिंह ने शहीद सुरेश कुमार को उनके गांव मुस्तफाबाद में जाकर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि शहीद सुरेश कुमार कानून व्यवस्था ड्यूटी के लिए पंचकूला में तैनात थे। दिनांक 24.08.2010 को जब वह यवनिका पार्क सेक्टर 5 पंचकूला में मोटरसाइकिल चोरी गिरोह की तलाश कर रहा था तो अपराधी तेज सिंह ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सिपाही सुरेश कुमार को छाती में छुरा घोंप दिया। शहीद सुरेश कुमार को गंभीर चोट लगी और वह शहीद हो गया।
उन्होंने कहा कि इन पुलिस कर्मचारियों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इन पर हम सभी को गर्व करना चाहिए। एक पुलिस कर्मी जब वर्दी पहनता है तो उसके मन में समाज और देश की सुरक्षा हर समय रहती है। ड्यूटी पर होते हुए कई बार उसे इस तरह के हालात से गुजरना पड़ता है जहां पर जान का जोखिम होता है। लेकिन हमारे पुलिस कर्मी कभी इस तरह के जोखिम से नहीं डरते। समाज और देश की सुरक्षा के लिए कभी जान देने से पीछे नहीं हटते। जो पुलिस कर्मी शहीद हुए हैं हमें उनके बलिदान को कभी भूलना नहीं चाहिए। उनके परिवारों का भी हमारे के लिए बड़ा बलिदान है। क्योंकि उन्होंने अपने परिवार का सदस्य खोया है।
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