अनुष्का फाउंडेशन एक गैर सरकारी संगठन
सिविल सर्जन डॉ. जयंत आहुजा ने बताया कि भारत सरकार अपने फ्लैगशिप कार्यक्रम राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से विसंगतियों के साथ पैदा होने वाले बच्चो को मुफ्त इलाज दे रही है, क्लबफुट एक ऐसा ही जन्म दोष है। जिसमे जन्म से बच्चे के पैर अंदर की ओर मुड़ जाते है। अनुष्का फाउंडेशन एक गैर सरकारी संगठन है जो क्लबफुट की समस्या के उपचार के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के साथ साझेदारी में काम करता है। ओर क्लबफुट रोगियों को 4-5 सालो तक मुफ्त ब्रेस प्रदान करती है जब तक कि उसके पंजे पूरी तरह ठीक नहीं हो जाते। अनुष्का फाउंडेशन हरियाणा राज्य के 16 जिलों में क्लबफुट पर कार्य कर रही है। जिला नागरिक अस्पताल पानीपत में हर शुक्रवार को क्लबफुट क्लीनिक लगाया जाता है।
सिविल हॉस्पिटल में चल रहा है 74 बच्चों का इलाज
कार्यक्रम में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर वैभव गुलाटी व डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि इस रोग में बच्चों को सही तरीके से चेकअप करके प्लास्टर लगाया जाता है और क्लबफुट बीमारी से ग्रसित बच्चों के माता पिता को पांच साल तक क्लबफुट इलाज पूरा करने बारे जागरूक किया जाता है। आज 20 बच्चों को क्लब फुट जूते और ब्रेस दिए गए। फिलहाल 74 बच्चों का इलाज जिले पानीपत के सिविल हॉस्पिटल में चल रहा है। अनुष्का फाउंडेशन द्वारा आयोजित समारोह में रंग-बिरंगे गुब्बारे और युवा रोगियों के मनोरंजन के लिए आकर्षक खेल शामिल थे, बच्चों की गतिविधियों के अलावा, फाउंडेशन ने परिजनों को क्लबफुट, इसके कारणों और उपलब्ध उपचार के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता शिविर भी आयोजित किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य : कोई भी बच्चा क्लबफुट के कारण अक्षम न रहे
इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) योजना, आशा कार्यकर्ताओं, स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के सहयोग से व्यापक दर्शकों तक पहुंचना और क्लबफुट और इसके उपचार कार्यक्रम के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करना है। क्लीनिक दिवस के अलावा, अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट 1 मार्च से 31 मार्च तक विश्व क्लबफुट दिवस पर लोगों को जागरूक करने पर कार्य करेगी। विभिन्न सरकारी और गैर-लाभकारी हितधारकों के साथ साझेदारी के माध्यम से उनका उद्देश्य अपने कार्यक्रम को कुशलतापूर्वक लागू करना है और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा क्लबफुट के कारण अक्षम न रहे, अंतत: प्रभावित लोगों के जीवन को बदल दे।