पंकज सोनी, भिवानी :
किसी भी राष्ट्र का विकास उस देश की शिक्षा नीति पर निर्भर करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियांवयन से हमारा देश पुन: विश्व गुरु कहलायेगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके क्रियांवयन को लेकर विभिन्न राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और केन्द्रीय मंत्रीयों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दे चुके हैं। अब हम सबको मिलकर बौद्धिक योद्धा बनकर इस कार्य को करना है और उनके आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करना है। चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय आने वाले दिनों में रोजगारपरक, गुणवत्तापूर्ण एवं संस्कारी शिक्षा प्रदान करने के लिए देश भर में जाना जायेगा। ये विचार अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी बिलासपुर छत्तीसगढ़ के कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी ने चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के 8वें स्थापना दिवस के अवसर पर युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित सुरीली सांझ कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि अपने आनलाइन संबोधित में कहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजकुमार मित्तल ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने गठन के मात्र सात वर्षों की विकास यात्रा में सिमित साधनों के बावजूद शिक्षा, खेल, अनुसंधान एवं संस्कृति के क्षेत्र अनेक नये आयाम स्थापित कर देश भर में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने कोराना काल में आनलाइन प्रवेश,कक्षाओं एवं परीक्षाओं का नकल रहित सफल संचालन और समय पर परीक्षा परिणाम घोषित किया है।
उन्होंने कहा विश्वविद्यालय ने कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों से बेहतर संबंध एवं एमओयू साइन किये हैं। विश्वविद्यालय में 11 विभिन्न हाबी क्लबों का गठन, चरित्र निर्माण एवं व्यक्तितत्व विकास पर पाठ्यक्रम निर्माण कर च्वाइस बेस क्रेडिट प्रणाली को शुरू किया है।आज विश्वविद्यालय को देश भर में बहुत सम्मानजनक दृष्टि से देखा जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों से स्वरोजगार अपनाकर नये रोजगार सृजित कर उद्यमशील बन राष्ट्र के विकास में भागीदार बनने की बात कही। उन्होंने युवाओं से पढ़ाई के साथ कमाई कर परिवार की आय बढ़ाने में सहभागी बनने और अर्न व्हाइल यू लर्न का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का यह प्रयास है कि स्थानीय एवं सामाजिक समस्याओं का समाधान शिक्षा एवं अनुसंधान के द्वारा निकले। विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल डिग्री देने तक सीमित ना होकर युवाओं को रोजगार प्रदान कर श्रेष्ठ नागरिक बनाना है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की विकास यात्रा बहुत लंबी एवं बेहतरीन होगी। सुरीली सांझ कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. जितेन्द्र भारद्वाज, सामाजिक चिंतक प्रदीप शास्त्री, जीएम सुरेशपाल,डीएफओ विपिन कुमार सिंह,अशोक बुवानी वाला की गरीमामयी उपस्थिति रही।सुरीली सांझ के कन्वीनर एवं डीन डॉ.सुरेश मलिक आयोजन सचिव डा. आशा पूनिया और डीन प्रो.संजीव कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। आयोजन सचिव डा.आशा पूनिया ने सभी अतिथियों का परिचय दिया और कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। सुरीली सांझ कार्यक्रम में सरगम थियेट्रिकल ग्रुप ने म्यूजिक दिया जिसमें मंच संचालन आनन्द शर्मा एवं एंकर भूमिका शर्मा ने किया। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय की सप्तर्षि सुरभी स्मारिका का विमोचन किया गया। सुरली सांझ कार्यक्रम में कलाकार, अमित शर्मा, विकास, संजय दुआ, किरण निधि, हिना, पवन आदि ने मोहम्मद रफी की स्मृति में उनके सदाबहार गीतों की बेहतरीन प्रस्तुति देकर समां बांधा और मनमोहक प्रस्तुतियों से श्रोताओं एवं दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डा. पवन गुप्ता, डीन डा. एसके कौशिक, प्रीतम अग्रवाल, पवन बुवानीवाला, प्रो.ललिता गुप्ता, डा. रचना, प्रो.बाबूराम, डा. नितिन बंसल, डा. मयंक किंगर, डा. कुलदीप, डा. कविता शर्मा सहित विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापक एवं विद्यार्थी व गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।