बसपा सुप्रीमों मायावती नेआज बड़ा बयान दिया कि अगर राज्यसभा चुनावों में हमेंसपा को हरानेके लिए भाजपा को भी वोट देना पड़ेगा तो हम देंगे। हम सपा प्रत्याशी को बुरी तरह हराएंगे। उन्होंनेलोकसभा चुनावों की बात करते हुए कहा कि हमारी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए सपा से हाथ मिलाया । फिर भी सपा परिवारिक अंतरकलह के कारण बसपा के साथ गठबंधन कर भी वो ज्यादा लाभ नहीं उठा पाए। लेकिन अब सपा प्रत्याशी को राज्यसभा चुनावों में हराने के लिए हम पूरी ताकत झोंक देंगे। इसके लिए अगर हमें भाजपा या किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को अपना वोट देना पड़े तो हम वो भी करेंगे। इसके साथ ही मायावती ने राज्यसभा चुनाव में बगावत करने वाले सात विधायकों के निलंबन का भी एलान किया है। मायावती ने विधायक असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज) , हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर) और वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़) को पार्टी से निलंबित कर दिया है। सपा की ओर सेहमेशा यह कहा जाता रहा कि बसपा-सपा ने हाथ मिला लिया है, इसलिए अब मायावती को जून 1995 वाला मुकदमा वापस ले लेना चाहिए। जब हमने लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद हमारे प्रति समाजवादी पार्टी के बदले व्यवहार को देखा तो महसूस किया कि हमने उनके खिलाफ 2 जून 1995 के मुकदमे को वापस लेकर एक बड़ी गलती की है । इस बयान पर प्रियंका गांधी ने भी निशाना साधा। मायावती की प्रेस कांफ्रेंस पर तंज कसते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर पर मायावती का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा – ‘इसके बाद भी कुछ बाकी है?’