नई दिल्ली। भाजपा और कांग्रेस के बीच खींचतान तेज हो गई है। बता दें कि प्रियंका गांधी यूपी में पूरी तरह सक्रीय है और हर मुद्दें पर यूपी सरकार को घेर रहीं हैं। यूपी सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने यह तक कहा था कि वह इंदिरा गांधी की पोती है वह उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई से डरने वाली नहींहै। प्रियंका ने प्रवासी श्रमिकों से लेकर कानपुर में हुए बालिका संरक्षण गृह कांड तक के मुद्दों को पूरी शक्ति से उठाया हैऔर सरकार से जवाब मांगा है। यूपी में वह लगातार सरकार और प्रशासन की विफलताओं को पुरजोर तरीके सेउठाती रहीं है। इन सबका खमियाजा यह रहा कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित सरकारी बंगले को छोड़ने का नोटिस दिया गया। नोटिस में प्रियंका को घर खाली करने के लिए एक महीनेका वक्त दिया गया है। उन्हें एक अगस्त तक इस बंगले को खाली करना होगा। वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से इसे निजी हमला करार दिया गया है। बता दें कि पिछले वर्ष गांधी परिवार में से सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी प्रोटेक्शन वापस लेली गई थी और उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी गई थी। एसपीजी सुरक्षा की वजह से प्रियंका गांधी को लोधी एस्टेट में एक सरकारी बंगला अलॉट किया गया था । हालांकि प्रियंका गांधी प्रति महीने इस बंगले का किराया 37 हजार रुपयेभर रहीं थीं। हालांकि अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वह लखनऊ में अपना निवास बना सकती है।बता दें कि वह कांग्रेस पार्टी की यूपी महासचिव हैंऔर वह लगातार प्रयासरत हैं कि यूपी में कांग्रेस पार्टी का खोया जनाधार वापस लाया जा सके। उनकी नजर आने वाले 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर भी है।