आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली | The Vikas Report : पीएम डिवाइन योजना पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। इस योजना के अंतर्गत उस क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार काफी विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके अंतर्गत सड़क, पुल, रोपवे आदि बनाए जाएंगे जिससे वहां के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी तथा बुनियादी निर्माण कार्य होने से रोजगार का सर्जन भी होगा।
उद्योग-धंधे भी लगेंगे। वास्तव में इस योजना के सफल होने पर पूर्वोत्तर क्षेत्र का बेहतरीन विकास होगा। भारत सरकार द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल नामक योजना प्रारंभ की है।
इस योजना को संक्षेप में पीएम डिवाइन (पीएम डेवलपमेंट इनीसिएटिव फॉर नॉर्थ-ईस्ट) कहते हैं।
इस योजना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओं एवं महिलाओं के लिए आजीविका के नए साधन उपलब्ध होंगे। इस योजना में कुल खर्च 6,600 करोड़ रुपए होगा तथा इसके प्रारंभिक चरण में 1500 करोड़ का धन आबंटित किया गया है।
पीएम डिवाइन योजना के तहत पीएम गतिशील योजना के उद्देश्यों को शामिल किया जाएगा तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के जरूरत के हिसाब से सामाजिक विकास परियोजनाओं को वित्त भी उपलब्ध कराया जाएगा।
पीएम डिवाइन योजना केंद्र एवं राज्य द्वारा पहले से संचालित योजनाओं में शामिल नहीं है। इस योजना के माध्यम से नई परियोजनाओं को वित्त प्रदान किया जाएगा। पीएम डिवाइन योजना के तहत राज्यों द्वारा संचालित अथवा प्रस्तावित परियोजनाओं को महत्व दिया जाएगा। उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम डिवाइन) योजना वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक के लिए संचालित होगी।
पीएम डिवाइन योजना की पृष्ठभूमि
The Vikas Report : पूर्वोत्तर में विकास की गति को बढ़ाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार काफी समय से प्रयासरत है। अपने इन्हीं प्रयासों को और गति प्रदान करते हुए पीएम-डिवाइन योजना की शुरूआत की गई है जिसे कि वित्त मंत्री के मुताबिक नॉर्थ-ईस्टर्न काउंसिल यानी कि पूर्वोत्तर परिषद के माध्यम से लागू किया जाएगा।
इस योजना के बारे में यह बताया गया है कि जिस तरह से पीएम गति शक्ति योजना काम कर रही है, बिल्कुल उसी तरीके से पूर्वोत्तर के इलाकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हीं के अनुसार वहां न केवल बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी, बल्कि सामाजिक विकास से जुड़ीं जितनी भी योजनाएं हैं, उन सभी का वित्त पोषण इस योजना के माध्यम से किया जाना मुमकिन होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना के बारे में यह बताया है कि महिलाओं के लिए आजीविका से जुड़े जितने भी क्रियाकलाप होंगे, इस योजना के जरिए वे पहले से बेहद आसान हो जाएंगे। इसके अलावा, युवाओं के लिए भी इस योजना में ऐसे विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं जिनके जरिए अपनी आजीविका के लिए रास्ता बनाना उनके लिए भी सुगम हो जाएगा।
इन सबके अलावा पीएम डिवाइन योजना के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों में जो इस वक्त बड़ा अंतर मौजूद है, उसे भी खत्म किए जाने की कोशिश की जाएगी। हालांकि यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वर्तमान में जो केंद्रीय और राज्य योजनाएं संचालित की जा रही हैं, पीएम-डिवाइन योजना उनका विकल्प नहीं होगी।
वित्त मंत्री ने यह बताया है कि केंद्रीय मंत्रालय भी अपनी परियोजनाओं का संचालन यहां करते रहेंगे मगर राज्य सरकारों की ओर से जो परियोजनाएं पेश की जाएंगी, उन्हें अधिक प्राथमिकता दी जाएगी। पीएम डिवाइन योजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर भारत में वैज्ञानिक आॅर्गेनिक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही गुवाहाटी में पूर्वोत्तर भारत के लिए बाल चिकित्सा एवं व्यस्क होमोलिम्फाइड कैंसर (सिर और गर्दन का कैंसर) के इलाज के लिए समर्पित सेवाएं भी शुरू की जाएंगी। इन सभी के अलावा नेटकेयर आजीविका संवर्धन परियोजना को भी इसमें शामिल किया गया है।
सिक्किम के पश्चिमी इलाके में संगा-चौलिंग के लिए पैलिंग हेतु यात्री रोपवे सिस्टम को विकसित किया जाएगा। पश्चिम दिशा की ओर आइजोल बाईपास का निर्माण किया जाएगा। मिजोरम के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग जगहों पर संपर्क के लिए बांस के परिवहन वाली सड़कों का निर्माण इस योजना के अंतर्गत किया जाएगा। साथ ही दक्षिण सिक्किम में धैप्पर से भाले धुंगा तक ऐसे रोपवे सिस्टम को भी विकसित किए जाने का प्रस्ताव है जो पर्यावरण के अनुकूल होगा।
पीएम डिवाइन योजना 2023 का क्रियान्वयन
पीएम डिवाइन योजना को केंद्रीय मंत्रीमंडल द्वारा शुरू किया गया है। यह योजना भारत सरकार के दिशा-निर्देशों पर संचालित होगी। इस योजना के अवधि 2022-23 से लेकर 2025-26 तक होगी। इस समय अवधि के दौरान विभिन्न विकास कार्य किए जाएंगे। इसके अंतर्गत बुनियादी विकास, सामाजिक विकास समेत अन्य रोजगार परक कार्य किए जाएंगे। यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित होगी। इसे केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा।
पीएम डिवाइन योजना 2023 का उद्देश्य
पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी, सामाजिक, आर्थिक विकास में पिछड़ापन पाया जाता है इसलिए पीएम डिवाइन योजना शुरू करने का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास करना, सामाजिक विकास करना एवं महिलाओं को रोजगार प्रदान करना शामिल है। पीएम डिवाइन के उद्देश्यों में एनईआर (नॉर्थ-ईस्ट रिजन) के जरूरतों के आधार पर सामाजिक विकास परियोजना का समर्थन करना भी शामिल है।
पूर्वोत्तर के विकास के लिए पहल
पीएम डिवाइन योजना के पहले से भी पूर्वोत्तर में विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से कई तरह के प्रयास किए जाते रहे हैं। फरवरी, 2018 में पूर्वोत्तर के लिए नीति मंच का गठन भी किया गया था। इसका उद्देश्य यह था कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में त्वरित, समावेशी, मगर सतत आर्थिक विकास में जो भी बाधाएं आ रही हैं, उन सभी की पहचान की जाए और इन सभी बाधाओं को दूर करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं।
नीति आयोग की ओर से गठित किया गया, यह पहला क्षेत्रीय मंच भी है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्यमंत्री इस मंच की अध्यक्षता करते हैं। रेल के साथ सड़क एवं हवाई संपर्क में सुधार लाना, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों का विकास करना, पूर्वोत्तर क्षेत्र में जल संसाधन की क्षमता का दोहन बढ़ाना और इस क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यनीतियां पूर्वोत्तर मंच की कार्य सूची में प्रमुखता से शामिल हैं।
पीएम डिवाइन योजना 2023 के लाभ
- पीएम डिवाइन योजना 2022 के सफल होने पर पूर्वोत्तर क्षेत्र का कायाकल्प होगा। व्यापक पैमाने पर बिना बुनियादी निर्माण किया जाएगा तथा सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- इस योजना के अंतर्गत वहां के स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे वहां के लोगों को रोजगार पाने में आसानी होगी।
- पीएम डिवाइन योजना 2022 के तहत स्वास्थ्य सेवाओं, सड़कों, पुलों आदि का विकास होगा जिससे वहां बेहतरीन जीवनशैली विकसित होगी।
- यहां की जटिल भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले नागरिक भी अब विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकते हैं। इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि वह आत्मनिर्भर बन सकें।
- पीएम डिवाइन योजना से पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास होगा वहां पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
पीएम डिवाइन योजना 2023 की विशेषताएं
- पीएम डिवाइन योजना के तहत कुल 4 वर्षों में 6,600 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है। इसके पहले चरण में 1,500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- पीएम डिवाइन योजना की अवधि 2022-23 से लेकर 2025-26 तक होगी।
- पीएम डिवाइन स्कीम का पूरा वित्त पोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। इस योजना को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाएगा।
- पीएम डिवाइन योजना भी पीएम गतिशील योजना की तरह काम करेगी। पूर्वोत्तर की जरूरत के हिसाब से वहां बुनियादी विकास होगा तथा वहां की सामाजिक विकास से जुड़ी सभी योजनाओं का वित्त पोषण भी पीएम डिवाइन योजना के तहत किया जाएगा।
- पीएम डिवाइन योजना पूर्व क्षेत्र में लागू होने से क्षेत्र में पहले से संचालित योजना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वह सुचारू रूप से चलती रहेंगी।
- इस योजना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में आॅर्गेनिक खेती एवं स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अंतर्गत रोपवे सिस्टम का भी विकास किया जाएगा।
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