संजीत खन्ना (बादली) एसडीएम विशाल कुमार ने कहा कि किसान अपनी कृषि आय को सुरक्षित रखने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़कर लाभार्थी बनें। सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है जिसके तहत किसान हितकारी योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जोखिम फ्री खेती के लिए कारगार साबित हो रही है। फसल बीमित होने के बाद खेती के नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी कर रही हैं।
एसडीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को उनकी फसलों को विभिन्न आपदाओं से होने वाले नुकसान का सुरक्षा कवच तो मिलेगा, साथ ही किसानों को आर्थिक आजादी के साथ भी जोड़ने का सुअवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2021 के दौरान खरीफ सीजन में धान, मक्का, बाजरा व कपास तथा रबी सीजन में गेहूं, जौ, चना, सरसों व सूरजमुखी फसलों का बीमा किया जाएगा। फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई रखी गई है।
एसडीएम ने बताया कि खरीफ सीजन के चलते सभी कृषकों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बारे जागरूक करना अति आवश्यक है। डी सी श्याम लाल पूनिया के मार्गदर्शन में किसानों को जागरूक करने के लिए जागरूकता वाहन जिलाभर के सभी गांवों, कस्बों और नगरों मेंं पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि यह योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक है इसलिए यदि ऋणी किसान इस योजना में शामिल नहीं होना चाहते तो वे 24 जुलाई, 2021 तक अपने बैंकों में लिखित आवेदन करके योजना से बाहर (आॅप्ट-आउट) हो सकते हैं। यदि ऋणी किसान स्कीम से बाहर होने के लिए तय सीमा तक संबंधित बैंक में आवेदन नहीं करता तो बैंक किसान की फसलों का बीमा करने के लिए अधिकृत या बाध्य होंगे। उन्होंने बताया कि गैर-ऋणी किसान ग्राहक सेवा केंद्र या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से अपनी फसल का बीमा करवा सकता है। यदि कोई किसान पहले से नियोजित फसल को बदलता है तो उसे अंतिम तिथि से कम से कम दो दिन पहले (29 जुलाई तक) फसल बदलाव के लिए बैंक में सूचित करना होगा।
फसल बीमा के लिए प्रीमियम निर्धारित
कृषि विभाग के उपनिदेशक डा.इंद्र सिंह ने योजना के तहत जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिला स्तर पर परियोजना अधिकारी व सर्वेयर नियुक्त किए गए हैं, जो केवल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का ही कार्य देखते हैं। बीमा कंपनियों ने भी किसानों की सहायता के लिए जिला व ब्लॉक स्तर पर अपने कर्मचारी नियुक्त किए हैं। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन में इस योजना के तहत किसानों को धान, मक्का, बाजरा व कपास के लिए क्रमश: 713.99 रूपए, 356.99 रूपए, 335.99 रूपए तथा 1732.50 रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रीमियम देना होगा। इसी तरह, रबी फसलों में गेहूं, जौ, चना, सरसों व सूरजमुखी के लिए किसानों को क्रमश: 409.50 रूपए, 267.75 रूपए, 204.75 रूपए, 275.63 रूपए तथा 267.75 रूपए प्रति एकड़ प्रीमियम देना होगा। उन्होंने बताया कि फसल की बीमित राशि धान, मक्का, बाजरा व कपास के लिए क्रमश: 35699.78 रूपए, 17849.89 रूपए, 16799.33 रूपए तथा 34650.02 रूपए प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। गेहूं, जौ, चना, सरसों व सूरजमुखी के लिए बीमित राशि क्रमश: 27300.12 रूपए, 17849.89 रूपए, 13650.06 रूपए, 18375.17 रूपए तथा 17849.89 रूपए प्रति एकड़ तय की गई है। उन्होंने बताया योजना में किसानों की शिकायतों के निपटान के लिए राज्य व जिला स्तर पर शिकायत निवारण समितियों का गठन भी किया गया है। अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 1800-180- 2117 पर अथवा अपनी बैंक शाखा या बीमा कंपनी से संपर्क कर सकते हैं।