Independence Day 2024, अजीत मैंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर पर इस बार लगातार 11वीं दफा तिरंगा फहरा अपनी 2023 में की भविष्यवाणी को पूरा करेंगे। प्रधानमंत्री ने पिछले साल 15 अगस्त को घोषणा की थी कि वह 2024 में भी फिर झंडा फहराने आएंगे। मोदी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं जो लगातार 11वीं बार लाल किले पर झंडा फहराने का रिकार्ड बनाएंगे। इससे पूर्व कांग्रेस की तरफ से केवल जवाहर लाल नेहरू को यह मौका मिला था। इस बार अंतर इतना भर होगा कि सहयोगियों की मदद से चल रही गठजोड़ की सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में मोदी झंडा फहराएंगे।
इस बार राजग सरकार पर रहेगा फोकस
हालांकि बीते दस साल में भी बीजेपी की अगुवाई में बनी राजग सरकार ही होती थी,लेकिन तब घटक दलों के बिना ही बीजेपी का अपना बहुमत होता था। फिर मोदी खुल कर अपनी पार्टी और सरकार के बारे में बताते थे। इस बार राजग सरकार पर फोकस रहेगा। बीते साल उन्होंने अपने दस साल की उपलब्धियों को गिना भरोसा दिया था वह फिर आ कर आगे का रोड मैप रखेंगे।अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों में आगामी पांच साल के लिए क्या नया रोड मैप पेश करते हैं।हालांकि उनका लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का है,लेकिन देश में बदलते राजनीतिक माहौल के चलते चुनौतियां भी बढ़ गई हैं।
काम के तरीके में कोई बदलाव नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरे कार्यकाल में अब तक इतना तो जता दिया है कि उनके काम के तरीके में कोई बदलाव नहीं आने वाले। अभी तक लगा नहीं कि मोदी सहयोगियों के दबाव में सरकार चला रहे हैं।विपक्ष का रवैया जरूर बहुत ही नकारात्मक बना हुआ है। विपक्ष इसी ताक में बैठा है कि कैसे सहयोगियों में सेंध लगाई जाए। अभी ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि सहयोगी विपक्ष के झांसे में आने वाले हैं। हालांकि विपक्ष जिस तरह की राजनीति कर रहा है उसका स्तर काफी नीचे गिरता जा रहा है।बांग्ला देश में तख्ता पलटने का मामला रहा हो या ओलंपिक में विनेश फोगाट का मामला।
विपक्षी नेताओं के बयान और व्यवहार निराशाजनक
विपक्षी नेताओं के बयान और व्यवहार निराशाजनक था। खास तौर पर फोगाट को लेकर संसद के अंदर बाहर जो जो व्यवहार विपक्ष ने किया उसे सही नहीं ठहराया जा सकता।साफ लगा कि हरियाणा चुनाव में वोट की खातिर सब किया जा रहा है।जहां तक बांग्ला देश का मामला है तो उद्धव ठाकरे जैसे नेताओं ने ऐसे बयान दिए जो सही नहीं ठहराए जा सकते।फारुख अब्दुल्ला,महाबुबा मुफ्ती,सलमान खुर्शीद और मणिशंकर अय्यर जैसे नेता भारत को चेताते दिखे कि बांग्लादेश जैसा न हो जाए।देखना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी इन हालात में देश के नाम अपने संबोधन में इस तरह के बयान देने वालों को क्या नसीहत देते हैं।
बीते दस साल की उपलब्धियां अभी ट्रेलर
प्रधानमंत्री मोदी ने आम चुनाव में कहा था कि बीते दस साल की उपलब्धियां अभी ट्रेलर हैं असली काम अब होंगे।हालाकि पीएम मोदी के दस साल में कई बड़ी उपलब्धियां हैं।सबसे बड़ी उपलब्धि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर बड़े विवाद को समाप्त किया।अयोध्या में बिना बवाल के राम मंदिर का निर्माण करवा राम की मूर्ति की स्थापना करवाई।तीन तलाक,महिलाओं को लोकसभा विधानसभा में 33% आरक्षण,सड़कों में एक्सप्रेस वे का निर्माण,नई नई ट्रेनो का विस्तार जैसे मामले तो हैं ही। उज्ज्वला योजना,शौचालय,पक्के आवास, हर घर नल,आयुष्मान योजना, मुफ्त अनाज जैसी कई उपलब्धियां।
आतंकवाद पर अंकुश
सबसे बड़ा आतंकवाद पर अंकुश। पाकिस्तान पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के बाद देश के प्रति दुनिया में सोच बदली।विदेश और आर्थिक मामले में देश को आगे बढ़ाया। हालाँकि अभी जिस तरह से पड़ोसी मुल्कों में चीन का दखल बढ़ा है वह भारत के लिए बड़ी चुनौती है।15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में पड़ोसी देशों को लेकर जो कुछ बोला जायेगा उससे काफी कुछ पता चल जायेगा कि अब आगे भारत का क्या रुख रहेगा।लेकिन सबसे असल नजर रहेगी कि प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषण में आम जन के लिए क्या घोषणाएं करते हैं।युवाओं और किसानों के लिए क्या एजेंडा सामने आता है।
हर मायने में अलग होगा इस बार का भाषण
मोदी का इस बार का भाषण हर मायने में अलग होगा। क्योंकि अब जो एजेंडा तय करेंगे वह आने वाले पांच साल का होगा।विपक्ष और सहयोगियों को भी बहुत कुछ संदेश पीएम मोदी देंगे।अभी तक पीएम मोदी ने अभी तक आपातकाल को लेकर ही कांग्रेस को घेरा है।लालकिले की प्राचीर से आरक्षण को लेकर भी वह कांग्रेस और विपक्ष को आड़े हाथों ले सकते हैं।क्योंकि आम चुनाव में विपक्ष ने संविधान और आरक्षण पर झूठ बोल भ्रम फैलाया जिससे बीजेपी को नुकसान हुआ।सरकार ने एससी और एसटी पर साफ कर दिया कि संविधान के अनुसार ही आरक्षण जारी रहेगा।विपक्ष को जता दिया कि अब आरक्षण पर बारी हमारी है।देखना होगा कि ऐसे में पीएम मोदी क्या चौंकाने वाली घोषणाएं करते हैं।