प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोविड-19 के खिलाफ भारत की जंग में विविध हितधारकों के साथ अपनी बातचीत जारी रखे हुए हैं। प्रधानमंत्री दैनिक आधार पर 200 से अधिक लोगों से बातचीत करते हैं, जिसमें कोविड-19 के खतरे के विरुद्ध भारत की जंग के बारे में प्रत्यक्ष रूप से फीडबैक ग्रहण करने के लिए विभिन्न राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ टेलीफोन पर बातचीत करना शामिल है। प्रधानमंत्री देश के कोने-कोने के डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों का हौसला बढ़ाने तथा राष्ट्र एवं समाज के प्रति उनकी महती सेवाओं के लिए उनका आभार प्रकट करने हेतु उनके साथ भी टेलीफोन के माध्यम से सम्पर्क साधते हैं। पीएम मोदी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के प्रयासों के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समाज के विभिन्न तबकों के लोगों के साथ भी संवाद करते हैं। मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समूहों के प्रमुखों के साथ चर्चा की। उन्होंने 24 मार्च को विभिन्न प्रिंट मीडिया समूहों के प्रमुखों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान दोनों से ही अपील की कि मीडिया सकारात्मक संचार के माध्यम से निराशावाद और दहशत का मुकाबला करे। 27 मार्च को प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के विभिन्न रेडियो जॉकी और उद्घोषों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की।
उन्होंने कहा कि स्थानीय नायकों के योगदान का राष्ट्रीय स्तर पर लगातार गुणगान करने और उनके मनोबल को बढ़ाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से ग्रसित कुछ लोगों और इसके प्रभावों से उबर चुके कुछ लोगों की स्थिति की अद्यतन जानकारी के लिए उनके साथ भी टेलीफोन पर बातचीत की। मोदी ने 25 मार्च 2020 को वाराणसी में अपने मतदाताओं के साथ विशेष वीडियो संवाद में संकल्प, संयम और संवेदनशीलता की अपील की तथा इस वायरस का मुकाबला करने के लिए लोगों से सर्वोत्तम तरीके अपनाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 का मुकाबला करने के तरीकों और साधनों का पता लगाने के लिए जनवरी के बाद से समाज के विभिन्न तबकों के लोगों और अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें और चचार्एं की हैं। प्रधानमंत्री दैनिक आधार पर बैठकें कर रहे हैं, जिनमें उन्हें कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव द्वारा नियमित रूप से उन्हें ताजा हालात से अवगत कराया जाता है। प्रधानमंत्री को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह द्वारा भी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में अद्यतन जानकारी दी जा रही है। कोविड-19 से निपटने हेतु देश को तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री ने 19 मार्च 2020 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में देशवासियों से 22 मार्च 2020 को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक 14 घंटे के जनता कर्फ्यू में स्वेच्छा से भाग लेने का आग्रह किया था। सामाजिक दूरी बनाए रखने के प्रयास में राष्ट्र को सफलतापूर्वक तैयार करते हुए प्रधानमंत्री ने 24 मार्च 2020 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में 3 सप्ताह के लॉकडाउन की अपील की, क्योंकि इस वायरस को फैलने से रोकने का यही एकमात्र प्रभावी उपाय ज्ञात है। नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए राष्ट्र को द्विआयामी मंत्र ‘संकल्प और संयम’ प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में लोगों से घबराहट में खरीददारी नहीं करने का अनुरोध किया और उन्हें आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति निरंतर जारी रहने का भरोसा दिलाया।
इस महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री के नेतृत्व में ‘कोविड-19 आर्थिक प्रतिक्रिया कार्यबल’ के गठन की घोषणा की है। यह कार्यबल हितधारकों के साथ परामर्श करेगा, उनका फीडबैक लेगा, जिसके आधार पर इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णय लिए जाएंगे। यह कार्यबल इन चुनौतियों से निपटने के लिए इन निर्णयों का कार्यान्वयन भी सुनिश्चित करेगा। प्रधानमंत्री ने व्यापारिक समुदाय और उच्च आय वर्ग के लोगों से निम्न आय वर्ग के लोगों, जिनसे वे विभिन्न प्रकार की सेवाएं लेते हैं। आर्थिक जरूरतों का ध्यान रखने का भी अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने उनसे अनुरोध किया कि वे ऐसे लोगों का उन दिनों का वेतन नहीं काटें, जब वे कार्यस्थल पर आने में असमर्थ रहने के कारण सेवाएं प्रदान नहीं कर सके।
उन्होंने ऐसे समय में मानवता के महत्व पर बल दिया। कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न किसी भी प्रकार की आपात या संकटपूर्ण स्थिति से निपटने और प्रभावितों को राहत प्रदान करने के प्राथमिक उद्देश्य के लिए एक समर्पित राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘प्राइम मिनिस्टर्स सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन एमरजेंसी सिचुएशंस फंड’ (पीएम केयर्स फंड) नाम के एक सार्वजनिक धर्मार्थ न्यास की स्थापना की गई है। प्रधानमंत्री इस न्यास के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं। मोदी ने सदैव माना और कार्यों में दिखाया है कि किसी भी किसी भी समस्या के प्रभाव में कमी लाने के लिए जन भागीदारी सबसे असरदार तरीका है और इस समय यह उसका एक और उदाहरण है। इस फंड में अल्प राशि का दान भी किया जा सकेगा, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग कम रकम का भी योगदान करने में सक्षम होंगे। 26 मार्च को नरेन्द्र मोदी सरकार ने गरीबों के आपातकालीन नकद हस्तांतरण पर केंद्रित 1.7 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की। कोरोना वायरस के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली आर्थिक अनिश्चितताओं से निपटने में उन्हें सहायता देने के लिए इस पैकेज में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्यान्न, दालें और गैस की 3 महीने की मुफ्त आपूर्ति भी शामिल है। 24 मार्च को प्रधानमंत्री ने चिकित्सा बिरादरी – डॉक्टरों, नर्सों और लैब तकनीशियनों के साथ बातचीत की। उन्होंने कोविड-19 से निपटने में देश की निस्वार्थ सेवा के लिए चिकित्सा बिरादरी का आभार प्रकट किया। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके आशावाद ने मुझमें इस बात का और अधिक विश्वास उत्पन्न कर दिया है कि राष्ट्र विजयी होगा। उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सा में अधिक से अधिक टेली कंसल्टेशन के प्रस्ताव की जांच कर रही है। प्रधानमंत्री ने चिकित्सा बिरादरी को यह भी आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और सरकार उनकी सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की नियमित आपूर्ति बनाए रखने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री ने21 मार्च 2020 को फार्मा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ भी वीडियो कॉन्फ्रेंस की। बातचीत में प्रधानमंत्री ने फार्मा उद्योग को कोविड-19 के लिए आरएनए टेस्टिंग किट्स के निर्माण की दिशा में युद्धस्तर पर काम करने को कहा। प्रधानमंत्री नेउन्हें आश्वासन दिया कि सरकार एपीआई की आपूर्ति बनाए रखने और देश के भीतर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने उन्हें निर्देश दिया कि आवश्यक दवाओं की आपूर्ति बनाए रखना और कालाबाजारी और जमाखोरी पर अंकुश लगाना महत्वपूर्ण है। देश को स्वस्थ रखने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री ने 28 मार्च 2020 को विभिन्न आयुष चिकित्सकों के साथ भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए जारी प्रयासों में आयुष क्षेत्र का महत्व कई गुना बढ़ गया है। प्रधानमंत्री ने उनसे अनुरोध किया कि वे डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार काम करते हुए अपने क्षेत्र के नेटवर्क का उपयोग कर उन अच्छी पद्धतियों के संदेश को प्रसारित करें, जिन्हें इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने इस कठिन दौर में दिमाग को तनाव मुक्त करने और शरीर को मजबूत बनाने के लिए #ङ्मँअ३ऌङ्मेी को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय की सराहना की।
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