नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा सांसदों से संसद में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने और चर्चा में सक्रियता से हिस्सा लेने के साथ साथ हर बूथ पर पांच पेड़ लगाने की ‘पंचवटी’ पहल के जरिये पार्टी को बूथ स्तर पर और मजबूत बनाने का आह्वान किया। भाजपा संसदीय पार्टी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए यह बात कही । बैठक में भाजपा सांसदों ने हाल के लोकसभा चुनाव में पार्टी की ‘‘अभूतपूर्व’’ जीत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन किया । पार्टी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का भी अभिनंदन किया ।
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्र‘‘ाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री छह जुलाई को वाराणसी से भाजपा की सदस्यता अभियान की शुरुआत करेंगे । प्रधानमंत्री ने बैठक में पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि सांसदों खासकर नये सांसदों के लिये सीखने का सबसे बड़ा मंच, संसद है । ऐसे में उन्हें सदन में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के साथ चर्चा में सक्रियता से हिस्सा लेना चाहिए । उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने पार्टी की सदस्यता अभियान का जिक्र करते हुए उनसे ही बूथ तक पार्टी और सरकार के कार्यो का संदेश पहुंचाने को कहा । उन्होंने हर बूथ पर पार्टी के सदस्यता अभियान को आगे बढ़ाने के दौरान ‘‘पंचवटी’’ पहल यानी हर बूथ पर पांच पेड़ लगाने की अपील की ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को आगे बढ़ाने के दौरान सभी को मिलजुल कर काम करना चाहिए । भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि पार्टी सांसदों ने प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष का जीत पर अभिनंदन किया । उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए ‘‘मन की बात के साथ दिल की बात भी की ।’’ बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों सदनों के करीब 380 भाजपा सांसदों को बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने और संसद में चर्चा में सक्रियता से हिस्सा लेने को कहा । यह बैठक संसद के ‘‘लाइब्रेरी बिल्डिंग’’ में हुई । बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्र‘‘ाद जोशी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित पार्टी के सांसद मौजूद थे ।
कई दशकों बाद यह पहला मौका आया है जब भाजपा संसदीय दल की बैठक में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज जैसे नेता मौजूद नहीं थे। दरअसल, भाजपा के ये तीनों वरिष्ठ नेता, संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है, इसी के चलते संसदीय दल की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। समझा जाता है कि प्रधानमंत्री ने बैठक में मौजूदा सत्र की अहमियत का जिक्र करने के अलावा दूसरे कार्यकाल के लिए मई में शपथ लेने के बाद पिछले एक महीने में उनकी सरकार के कार्यो का भी जिक्र किया । केंद्र में दूसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद यह पहली बैठक है। इस बार पुराने सांसदों के साथ-साथ बहुत से सांसद नए हैं । ऐसे में समझा जाता है कि प्रधानमंत्री ने सांसदों को समय से सदन में मौजूद रहने और इसके अलावा अपने-अपने क्षेत्रों में जनता के बीच जुड़े रहने का सुझाव भी दिया । लोकसभा चुनाव के बाद संसद के मौजूदा सत्र में मोदी सरकार अपना पहला बजट पेश करेगी । प्रधानमंत्री जी-20 बैठक में हिस्सा ले कर आए हैं । इसके साथ ही संसद में जम्मू कश्मीर से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक भी संसद से पारित हुए हैं । इसमें एक विधेयक जम्मू कश्मीर में आरक्षण से जुड़ा है और दूसरा प्रस्ताव राज्य में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने से संबंधित है ।