एलएएसआई रिपोर्ट में खुलासा
आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
बुजुर्ग भारतीयों में अनियंत्रित उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) चिंता का एक प्रमुख कारण है। 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 45 प्रतिशत भारतीय उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं और अन्य 40 प्रतिशत प्री-हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं। हरियाणा उच्च रक्तचाप के मामले में भी शीर्ष राज्यों में शामिल है। लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी आॅफ इंडिया (एलएएसआई) की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में उच्च रक्तचाप की व्यापकता 52.3 प्रतिशत के उच्च स्तर पर है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) द्वारा प्रकाशित एक फैक्टशीट में शामिल तथ्यों ने न केवल वयस्क आबादी में उच्च रक्तचाप के उच्च प्रसार पर चिंताओं को बढ़ाया है, बल्कि महत्वपूर्ण उपचार और डायग्नोसिस अंतराल पर भी लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी आॅफ इंडिया (एलएएसआई, वेव 1, जनवरी, 2021 में प्रकाशित) से डेटा का उपयोग करता है। इस स्टडी को प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसिज (आईएमएस) के डिपार्टमेंट आॅफ कम्युनिटी मेडिसन, बीएचयू और ग्रिड काउंसिल ने एक साथ आते हुए देश की बढ़ती उम्र की आबादी में उच्च रक्तचाप के बोझ और नियंत्रण दरों का एक माध्यमिक विश्लेषण किया है।
इस फैक्टशीट के विमोचन के मौके पर परिणामों के बारे में बातचीत करते हुए प्रोफेसर बीआर मित्तल, डायरेक्टर, आईएमएस, बीएचयू ने कहा कि यहां तक कि चिकित्सा विज्ञान और समग्र विकास में प्रगति के कारण भारत में औसत जीवनकाल में वृद्धि हुई है और उत्तरजीविता बढ़ रही है, ऐसे में उच्च रक्तचाप, दिल के दौरे, स्ट्रोक और गुर्दे की बीमारी के प्रमुख कारकों में से एक है। इसका समय पर डायग्नोस भी नहीं हो पाता और बड़े पैमाने पर प्रभावित लोग इसके उचित उपचार के बिना ही दिन गुजारते रहते हैं। इस विश्लेषण के आधार पर, यह चिंता के साथ नोट किया गया कि 45 प्रतिशत वयस्क भारतीय उच्च रक्तचाप से ग्रस्त थे और लगभग 30 प्रतिशत को निदान और/या नियंत्रण के अभाव में किसी भी समय उच्च रक्तचाप था। हम समस्या का अधिक बारीकी से अध्ययन करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्रवाई का सुझाव देने के लिए आईएमएस, बीएचयू में प्रख्यात फैकेल्टी सदस्यों के साथ एक गैर-संक्रामक रोग (एनसीडी) सचिवालय स्थापित करने की योजना बना रहे हैं।
आशिम सान्याल, सीओओ, कंज्यूमर वॉयस ने इस बात पर जोर दिया कि उच्च रक्तचाप एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें कोई उम्र सीमा नहीं है। इस समस्या को दूर करने के लिए उपभोक्ताओं को नमक, चीनी और वसा से भरपूर खाद्य पदार्थों के स्वास्थ्य संबंधी नुकसान के बारे में पता होना चाहिए। उच्च रक्तचाप एक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता है। एनसीडी नियंत्रण के लिए और नीति निर्माताओं सहित सभी हितधारकों को पीएचसी स्तर पर भी दीर्घकालिक स्वास्थ्य जांच और स्वास्थ्य निगरानी योजनाओं को शुरू करने के लिए आगे आना चाहिए। यह अब शहरी रोग भर नहीं रह गया है।
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