प्रवीण वालिया, करनाल :
- नागरिक सहभागिता घटक को लेकर नियुक्त किए 2 ब्रांड एम्बेसडर,
- स्वच्छता को लेकर व्यवहार में बदलाव पर रहेगा फोकस : उप निगमायुक्त अरूण भार्गव
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की तैयारियों को लेकर नगर निगम की ओर से गतिविधियां जारी हैं। इसे लेकर केन्द्रीय मंत्रालय की ओर से दिए गए घटकों पर काम किया जा रहा है। उप निगमायुक्त अरूण भार्गव ने शुक्रवार को बताया कि इसके नागरिक सहभागिता घटक में, 1 से 10 लाख की जनसंख्या वाले शहरों के लिए 2 ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने हैं। इसे लेकर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चालू स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर, करनाल नगर निगम की ओर 2 ब्रांड एम्बेसडर बनाए गए हैं, जो स्थानीय अलग-अलग पृष्ठभूमि से हैं। इनमें गुरू नानक खालसा कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. बीर सिंह तथा अमृतधारा अस्पताल के डॉ. धु्रव गुप्ता शामिल हैं।
गतिविधियों में ब्रांड एंबेसडर का अहम योगदान
उप निगमायुक्त ने बताया कि ब्रांड एम्बेसडर मुख्यत: अर्बन लोकल बॉडी के अधिकारियों के साथ मासिक बैठक कर एक्शन प्लान तैयार करेंगे। विभिन्न वार्डों में कम से कम दो मीटिंग नागरिकों के साथ होंगी, जिनमें उनके स्वच्छता को लेकर व्यवहार में बदलाव पर फोकस रहेगा। इसके अतिरिक्त घर से ही कूड़े को अलग-अलग एकत्र करना, होम कम्पोस्टिंग, गूगल टॉयलेट लोकेटर, स्वच्छता एप, सामुदायिक व जन शौचालयों की फीडबैक तथा 3 आर (रिड्ïयूज़, रियूज़ व रिसाईकल) के सिद्घांतों को बढ़ावा देकर उदहारण पेश करेंगे। जन जागरूकता अभियान के तहत नगर निगम द्वारा चलाई गई गतिविधियों में ब्रांड एंबेसडर अहम योगदान देंगे और जन समूह को स्वच्छता के लिए प्रेरित करेंगे।
पॉलीथिन के प्रयोग ना करें
उन्होंने शहर के सभी नागरिकों से अपील कर कहा है कि स्वच्छ सर्वेक्षण एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि केन्द्र सरकार की ओर से हर साल शहरों को स्वच्छ व सुंदर बनाने के प्रयासों से भरा एक कदम है। जन भागीदारी का एक पहलू यह है कि नागरिक अपने शहर से जुड़ें अर्थात कोई भी ऐसा कार्य न करे, जिससे शहर की स्वच्छता व सफाई बाधित हो, बल्कि हर गृहणी घर से ही गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग करके दे, कचरे को सडक़ पर न फैंका जाए और प्लास्टिक वेस्ट तथा पॉलीथिन के प्रयोग से तोबा कर लेना अच्छा रहेगा।
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