Pregnancy Tips: बारिश दिखने में जितनी सुहावनी और अच्छी लगती हैं, अपने साथ उतनी ही स्वास्थ्य समस्याएं और बीमारियां लेकर आती हैं। इस मौसम में सर्दी, खांसी और बुखार होना काफी आम है। इसलिए, डॉक्टर भी इस समय लोगों को अपनी इम्युनिटी मजबूत रखने और खुद को स्वस्थ रखने की सलाह देते हैं। खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं को बरसात के मौसम में बीमारियों से बचाव की खास जरूरत होती है, क्योंकि इस मौसम में महिलाओं को बुखार होने का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे महिला और भ्रूण दोनों के सेहत पर असर पड़ सकता है। ऐसे में आइए गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. भूमिका शुक्ला से जानते है कि बारिश में गर्भवती महिला को बुखार आने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
1. तापमान मापें
बारिश में प्रेग्नेंसी के दौरान बुखार होने पर सबसे पहले थर्मामीटर से आप अपने शरीर का तापमान मापे और रीडिंग को नोट करें। ऐसा करने से बुखार की सही निगरानी करने में मदद मिलती है।
2. खुद का शांत रखें
बरसात में मौसम में बदलाव के कारण बुखार होना आम है, इसलिए फिवर होने पर आप घबराएं नहीं, बल्कि शांत रहे। अगर आपका तापमान 99 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा है, तो अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
3. बुखार के अन्य लक्षणों पर नजर रखें
प्रेग्नेंसी के दौरान बुखार के साथ आने वाले किसी भी अन्य लक्षण पर ध्यान दें। अगर आपको सर्दी-खांसी के साथ बुखार है, तो यह श्वसन पथ का संक्रमण (आरटीआई) के कारण हो सकता है। अगर आपको बुखार के साथ दस्त हो रहे हैं, तो यह पेट का संक्रमण हो सकता है और बुखार आने के साथ कंपकंपी मलेरिया का संकेत हो सकता है।
4. भ्रूण की हलचल पर नजर रखें
बारिश के मौसम में प्रेग्नेंसी के दौरान बुखार होना भ्रूण के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान बुखार होने पर हमेशा अपने शिशु के हरकतों और हलचल पर निगरानी बनाए रखें और किसी भी तरह का बदलाव नजर आने पर डॉक्टर से जांच करवाएं।
5. हाइड्रेटेड रहें
बरसात के मौसम में भी गर्भवती महिलाओं का हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरी है। इसलिए बारिश के मौसम में बुखार होने या न होने पर हाइड्रेटेड रहने की कोशिश करें, जिसके लिए पानी, जूस और सूप जैसे तरल पदार्थ पिएं।