Prayagraj Mahakumbh 2025, (आज समाज), लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं और बड़ी संख्या में योग कक्षाओं में भाग लेने के लिए मेले में स्थित ‘क्रिया योग आश्रम व स्वामी योगी सत्यम शोध संस्थान’ शिविर में विदेशी भक्त भी पहुंच रहे हैं। बता दें कि महाकुंभ हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। इस बार बारह साल बाद यह 13 जनवरी को यहां प्रयागराज में शुरू होने वाला है और 26 फरवरी को संपन्न होगा।
क्रिया योग व कुंभ अविभाज्य : ब्राज़ीलियन
‘क्रिया योग आश्रम व स्वामी योगी सत्यम शोध संस्थान’ शिविर में मौजूद ब्राजील के एक व्यक्ति ने कहा कि क्रिया योग और कुंभ मेला अविभाज्य हैं। उन्होंने कहा, मैंने महसूस किया कि क्रिया योग और कुंभ मेला एक हैं क्योंकि हर साल गुरुजी कुंभ मेले में एक कार्यक्रम आयोजित करते हैं और हर वर्ष इसमें शामिल होने के लिए दुनिया भर से भक्त आते हैं। अब हर साल कई विदेशी यहां आ रहे हैं।
क्रिया योग एक संपूर्ण विज्ञान : स्वामी भवानंद
ब्राज़ीलियन व्यक्ति भारत की अपनी पहली यात्रा को भी याद किया। उन्होंने कहा, 2007 में जब यहां अर्ध कुंभ मेला हुआ था तब वह यहां यहां आया था। इस व्यक्ति ने कहा, जैसे ही उसने शिविर में आकर क्रिया योग का अभ्यास करना शुरू किया तुरंत बहुत शांति और आनंद का अनुभव हुआ। व्यक्ति बताया कि उसने पूरी दुनिया की यात्रा की है। अलग-अलग आध्यात्मिकता का अभ्यास किया है। पर कभी भी एक सच्चे गुरु के महत्व को नहीं जाना।
एक संपूर्ण विज्ञान है क्रिया योग
ब्राज़ीलियन व्यक्ति ने कहा, जब वह गुरुजी से मिला और क्रिया योग में भाग लिया, तो उसे एहसास हुआ कि क्रिया योग एक संपूर्ण विज्ञान है जो अलग-अलग आध्यात्मिकता व अलग-अलग धर्मों को जोड़ता है। उसने कहा, क्रिया योग ध्यान के जरिये हम अनुभव कर सकते हैं कि भगवान कृष्ण ने क्या कहा है-मैं सभी के दिल में मौजूद हूं, सभी मेरे दिल में मौजूद हैं। हम क्रिया योग के अभ्यास के माध्यम से इसका अनुभव कर सकते हैं।
कनाडाई भक्त
एक कनाडाई महिला भक्त ने कहा, गुरुजी के मार्गदर्शन में क्रिया योग सीखने के लिए भारत आने से पहले, वह कनाडा में माइक्रोसॉफ्ट में थी। उन्होंने बताया कि अपनी सफलता के बावजूद, उनके अंदर सत्य की खोज करने और जीवन के उद्देश्य को समझने की गहरी इच्छा थी। तभी उनका परिचय गुरुजी से हुआ। महिला भक्त ने कहा, उन्होंने नौकरी छोड़ दी और भारत आ गई। उन्होंने बताया कि उन्हें ठीक से पता नहीं था कि क्या मिलेगा, लेकिन ईश्वर, सत्य और जीवन के वास्तविक उद्देश्य को खोजने की इच्छा से वह प्रेरित थी। क्रिया योग में गुरुजी की शिक्षाएं इसका जवाब हैं।
ये भी पढ़ें : PM Modi: प्रधानमंत्री ने दिल्ली में किया ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन