Pravesh Sohan Singh Rana : शिक्षा और स्वास्थ्य पर रहा फोकस, मूलभूत सुविधाएं भी बढ़ीa

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गांवों में मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया गया
गांवों में मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया गया
  •  जिला परिषद अध्यक्ष ने एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर प्रस्तुत किया रिपोर्ट कार्ड
  •  बोले, आने वाले सालों में जिले के प्रत्येक गांव में होगा विकास कार्य, हर ग्रामीण से जुड़े सुविधा कार्य किए जाएंगे

Aaj Samaj (आज समाज), Pravesh Sohan Singh Rana , प्रवीण वालिया, करनाल, 27 दिसम्बर :
जिले की ग्रामीण सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा हो गया है। जिला परिषद का इस एक साल में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में इजाफा करने पर फोकस रहा। गांवों में मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया गया, ताकि प्रत्येक ग्रामीण के जीवन स्तर में सुधार और बदलाव आए। यह कहना है जिला परिषद की अध्यक्ष प्रवेश सोहन सिंह राणा का। जिन्होंने मंगलवार को जिला परिषद के सभागार में अपने पहले साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। इस अवसर पर अध्यक्ष प्रतिनिधि सोहन सिंह राणा और जिला परिषद के अन्य सदस्य व अधिकारी मौजूद रहे।

प्रेसवार्ता में जिला परिषद की अध्यक्ष प्रवेश सोहन सिंह राणा ने कहा कि दानवीर राजा कर्णनगरी के जिला परिषद के सभी 25 सदस्य जिले के विकास के लिए एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस दिन से पद की शपथ ली थी, उसी दिन से प्रत्येक ग्रामीण के विकास का प्रण लिया था। इसी दिशा में सभी मिलकर एक समान रूप से कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच को आगे बढ़ाया जा रहा है। सरकार की नीतियों के तहत ही कार्य हो रहे हैं। ढाई साल तक पंचायतें न रहने से गांव में सुविधाओं की कमी हो गई थी और विकास में भी पिछड़ गए थे। ऐसे में मूलभूत व्यवस्था सफाई से लेकर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर काम किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भी प्रत्येक गांव का विकास हो और हर ग्रामीण से जुड़ी सुविधा कार्य गांव में पहुंचे, इसके लिए वे प्रयासरत रहेंगे और योजनाएं भी बनाएंगे।

रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए जिला परिषद की अध्यक्ष प्रवेश सोहन सिंह राणा ने कहा कि पहले लोग जिला परिषद को केवल नलका लगवाने और बैंच की मांग करने के लिए ही जानते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। सरकार ने जिला परिषद को मजबूत बनाया है। अलग तरीके से काम कर रहे हैं। तभी एक साल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुरुआत में सभी 25 पार्षदों ने मिलकर पूरे जिले की जरूरतों पर सर्वे किया। ऐसे कार्यों को देखा जिनकी ज्यादा जरूरत थी।

ताकि जनता को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो सके। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 115 ई-पुस्तकालयों का निमार्ण किया, इस पर 6.32 करोड़ रुपये खर्च हुए। प्रत्येक लाइब्रेरी में पांच कंप्यूटर लगाए गए। जहां इंटरनेट और सोलर पैनल की सुविधा भी है। ताकि युवा नौकरी के लिए तैयारी कर सकें। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं संस्कृति को जिंदा रखे हुए हैं। 1.88 करोड़ रुपये से 34 महिला संस्कृति केंद्र खोले हैं। इसके अलावा शहर की तर्ज पर गांव के लोग भी कसरत करें, इसके लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त 46 इंडोर जिम लगाए गए। इस पर 2.48 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई।

चौपालें बनीं, सड़कों का हुआ सुदृढ़ीकरण-

जिला परिषद की अध्यक्ष प्रवेश सोहन सिंह राणा ने कहा कि विभिन्न गांवों में कुल 65 चौपाल बनाए गई, इस पर करीब छह करोड़ रुपये खर्च हुए। गांवों के सुंदरीकरण से जुड़े 48 कार्य किए। इन पर 2.66 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसके अलावा सड़कों का सुदृढ़ीकरण किया गया। तीन करोड़ रुपये से 88 कच्चे रास्तों को पक्का किया गया। 157 सड़कों का निर्माण कार्य जारी है, इस पर करीब सात करोड़ रुपये खर्च होंगे।

कचरा निस्तारण को बने 21 शेड-

जिला परिषद की अध्यक्ष प्रवेश सोहन सिंह राणा ने बताया कि कार्यभार संभालते ही सबसे पहले सफाई की जरूरत महसूस की। ताकि गंदगी न फैले और इस कचरे का निस्तारण भी साथ के साथ हो, इसमें 1.15 करोड़ रुपये से 21 कचरा शेड बनाए। विभिन्न गांवों के 44 बड़े नालों का भी नवनिर्माण किया गया, इस पर चार करोड़ रुपये खर्च हुए। इसके अलावा विधायक नगर आदर्श ग्राम योजना और सांसद निधि के तहत भी 200 से ज्यादा कार्य हुए। इनमें से करोड़ों रुपये के कई कार्य चल रहे हैं।

45 बड़े गांवों को कर रहे जगमग-

शहर की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्र में भी रात को अंधेरा न रहे। गांव जगमग रहें, इसके लिए 45 बड़े गांव जिनकी आबादी पांच हजार से ज्यादा है। सभी नौ खंडों में पांच-पांच गांवों में आठ करोड़ रुपये से स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी आर अर्बन योजना के तहत पशु चिकित्सा वैन चलाई गई। ग्रामीण घर पर ही पशुओं का उपचार करा सकते हैं। गांव शौच मुक्त रहे, इसके लिए 962 घरों में 1.15 करोड़ रुपये से शौचालय भी बनाए गए। इसके अलावा जोहड़ों के सुधार का काम चल रहा है। इसमें तालाबों कें सौंदर्यीकरण के 192 के टेंडर लगे थे, 84 का काम भी पूरा हो चुका है। पोंड का ट्रीटेड पानी को काडा के तहत पंप लगाया गया। अब इस पानी को पाइपलाइन के जरिये सिंचाई कार्य में इस्तेमाल किया जा रहा है।

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