Aaj Samaj (आज समाज), Praise Of Indian Navy, नई दिल्ली: भारतीय नौसेना की काबिलियत के अमेरिकी विशेषज्ञ भी मुरीद हो गए हैं। वहां की मीडिया रिपोर्ट्स में कई विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि इंडियन नेवी की स्पेशल फोर्सेज की क्षमता दुनिया की सबसे ताकतवर स्पेशल फोर्सेस में से एक है। बता दें कि भारतीय नौसेना के बहादुर सैनिकों ने बीते सप्ताह ही अरब सागर में व्यापारिक जहाज एमवी रुएन को समुद्री लुटेरों से बचाया था। इस आॅपरेशन में चालक दल के 17 सदस्यों को बचाया गया था और 35 के करीब समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करके हिरासत में लिया गया था।
पिछले सप्ताह के एक सफल आपरेशन की दुनिया में हो रही तारीफ
नौसेना ने जिस काबिलियत और सैन्य क्षमता से इस आॅपरेशन को अंजाम दिया, उसकी अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। नौसेना के युद्धपोत, पेट्रोलिंग जहाज, ड्रोन, भारतीय वायुसेना के सी-17 ट्रांसपोर्ट विमान, सर्विलांस जेट और मरीन कमांडोज ने इस आॅपरेशन में शिरकत की थी।
एमवी रुएन को लुटेरे अन्य जहाजों को लूटने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे
समुद्री लुटेरों ने बीते साल दिसंबर में माल्टा का झंडा लगे और बुल्गारिया द्वारा संचालित किए जा रहे व्यापारिक जहाज एमवी रुएन को अगवा कर लिया था। अगवा करने के बाद समुद्री लुटेरे जहाज को अपने क्षेत्र में ले गए थे। अब समुद्री लुटेरों द्वारा इस जहाज का इस्तेमाल अन्य जहाजों को लूटने के लिए किया जा रहा था।
इंडियन नेवी की क्षमताएं विश्व स्तर की : जॉन ब्रैडफोर्ड
काउंसिल आन फॉरेन रिलेशन इंटरनेशनल अफेयर्स के जॉन ब्रैडफोर्ड का कहना है, भारतीय नौसेना के सफल आपरेशन से पता चलता है कि उसके जवानों की ट्रेनिंग, कमांड और कंट्रोल समेत अन्य क्षमताएं विश्व स्तर की हैं। इंडियन नेवी के इस आॅपरेशन की खास बात यह है कि इसमें समन्वय के साथ अभियान को अंजाम दिया गया और इस दौरान कम से कम नुकसान हुआ।
हूती विद्रोही बढ़ा सकते हैं चिंता
विशेषज्ञों को चिंता है कि इजरायल-हमास युद्ध के बाद से यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं और वे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ हाथ मिला सकते हैं। वहीं समुद्री लुटेरे भी हाल के समय में काफी सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर संकट पैदा हो सकता है।
यह भी पढ़ें: