Pradosh Vrat: फाल्गुन का आज अंतिम प्रदोष व्रत, भोलेशंकर व माता पार्वती की विधिपूर्वक करें पूजा

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Pradosh Vrat: फाल्गुन का आज अंतिम प्रदोष व्रत, भोलेशंकर व माता पार्वती की विधिपूर्वक करें पूजा
Pradosh Vrat: फाल्गुन का आज अंतिम प्रदोष व्रत, भोलेशंकर व माता पार्वती की विधिपूर्वक करें पूजा

Falgun Pradosh Vrat, आज समाज डेस्क: फाल्गुन माह का आज अंतिम प्रदोष व्रत है। हिन्दू पंचांग के अनुसार हिंदू धर्म में इस व्रत का खास महत्व है। भक्त इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। पौराकिणक मान्यता के मुताबिक जो भक्त पूरे भक्ति भाव व श्रद्धापूवर्क मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करता है उस पर जरूर भगवान की कृपा होती है। उस व्यक्ति को अपने कारोबार में भी कामयाबी मिलती है। घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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शिवलिंग पवर चढ़ाएं बेलपत्र

भक्त आज के दिन भगवान शिव को बेलपत्र जरूर चढ़ाएं। धार्मिक मान्यता में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति शिवलिंग का विशेष सामग्रियों से अभिषेक करता है तो उस पर भोलेशंकर जरूर कृपा बरसाते हैं। सनातन धर्म में विश्वास रखने वाला लगभग हर हिंदू जानता है कि भगवान शिव को धतूरा वगैरह बहुत पसंद है। ऐसे में यदि आप शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाते है तो संतान से जुड़ी आपकी सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं और संतान सुख भी मिलता है। मन को शांति बनी रहती है।

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शुभ मुहूर्त व प्रदोष व्रत तिथि, चंदन का तिलक लगाएं,

अगर आप शिवलिंग को चंदन का तिलक लगाकर भगवान शिव से जीवन में खुशियों की प्रार्थना करें तो इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और भोलेशंकर खुश होते हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज 11 मार्च को सुबह 08 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 12 मार्च सुबह 09 बजकर 11 बजे समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 11 मार्च यानी आज ही रखा गया है। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है।

पूजा विधि

  • सुबह स्नान करके पूरे दिन व्रत रखें।
  • शाम को पहले प्रहर में दोबारा नहाएं। फिर साफ और सफेद वस्त्र पहनें।
  • ईशान कोण में पूजा स्थल चुनें।, पूजा वाले स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर वहां एक मंडप बनाएं। मंडप में 5 रंगों से
  • कमल के फूल की आकृति बनाएं।
  • भोलेशंकर की मूर्ति रखकर श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की पूजा करें। पूजा करते मुंंह उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
  • ‘ॐ नम: शिवाय’ के मंत्र का जाप करें।

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