पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए व्यावहारिक प्रयास आवयश्यक: प्रो. वी.पी. सिंह

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Practical efforts are necessary for environment and water conservation: Prof. VP Lion

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:

  • हकेवि में विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित
  • कुलपति बोले जल संरक्षण के लिए पर्यावरण व तकनीकी विशेषज्ञों को मिलकर करना होगा काम

पर्यावरण व जल प्रकृति द्वारा प्रदान अमूल्य धरोहर है। इसका संरक्षण व विकास हर नागरिक का कर्त्तव्य है। मौजूदा समय में बदली परिस्थितियों के अनुरूप बेहद जरूरी है कि इस दिशा में वैज्ञानिक सेाच के साथ व्यावहारिक प्रयासों को अंजाम दिया जाए। यदि तकनीक व पुरातन ज्ञान का मेल होता है मानव जाति के समक्ष उपस्थित जलवायु परिवर्तन व जल संकट के जैसी प्रमुख चुनौतियों का निदान कठिन नहीं है।

यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में टेक्सास एएंडएम यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित प्रो. वी.पी. सिंह ने विद्यार्थियों व शिक्षकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा इंडियन वाटर रिसोर्स सोसायटी व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के सहयोग से एन्वायर्मेंट एंड वाटर मैनेजमेंट विषय पर आयोजित इस विशेषज्ञ व्याख्यान की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की।

कुलपति ने का कहना

कुलपति ने इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रो. वी.पी. सिंह की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में उनकी मौजूदगी विद्यार्थियों, शिक्षकों व शोधार्थियों को पर्यावरण व जल संरक्षण के क्षेत्र में जारी विभिन्न बदलावों को जानने-समझने में सहयोग प्रदान करेगी। कुलपति ने इस मौके पर कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को देखते हुए जरूरी हो गया है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए तकनीक का बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इसके लिए एन्वायर्मेंटल साइंस व इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को संयुक्त प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। कुलपति ने कहा कि बदलते समय में चुनौतियां भी नित नए स्तर पर सामने आ रही हैं। ऐसे में इनका निदान समाजोपयोगी शोध के माध्यम से ही संभव है।

मानव जाति के लिए जल की उपयोगिता

इसके पश्चात विशेषज्ञ वक्ता प्रो. वी.पी. सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए इकोलॉजी, इको-सिस्टम, प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, जल संसाधनों का प्रबंधन, मानव जाति के लिए जल की उपयोगिता और विश्व समुदाय के समक्ष जल संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला और परिस्थितियों में सुधार हेतु आवश्यक विभिन्न प्रयासों का उल्लेख किया। कार्यक्रम के अंत में विशेष प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया। जिसमें विद्याथियों व शिक्षकों ने अपनी विभिन्न शंकाओं का समाधान भी प्राप्त किया।

स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के संयोजक प्रो. विकास गर्ग ने विशेषज्ञ वक्ता का परिचय दिया जबकि विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अभिषेक जिंदल ने विश्वविद्यालय कुलपति का परिचय कराया। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में समन्वयक प्रो. अजय बंसल, प्रो. फूल सिंह, इंजीनियर दीपक राणा, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. विकास कुमार, डॉ. रणबीर सिंह, डॉ. पिंकी अरोड़ा, इंजीनियर सुधीर व विद्यार्थी समन्वयक कुश सिन्हा, आकाश मानव, कौशल झा व शुभम चौधरी ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन सहायक आचार्य सन्नी तंवर ने प्रस्तुत किया।

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